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01/05/2019

मजदूरों को कब किसनें फुर्सत देखा


अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस की हार्दिक शुभकामनायें 😭-
ये इनको खुश करने की है चाल महज 
मजदूरों को कब किसनें फुर्सत देखा

30/04/2019

जिस्म हमारा इक पल का, इक पल सा मैं

Lover of Mother Father & Lover.

कुछ चीजों में सच में बहुत निकम्मा हूँ कुछ चीजों में बिल्कुल गंगाजल सा मैं

मुझको मत देखो, अपनी आँखें देखो देखो चिपका हूँ उनमें काजल सा मैं

तेरी मम्मी मुझको ऐसे देख रही जैसे उनकी बिटिया का हूँ कल सा मैं

तुम बारिश हो मेरे भीतर रहती हो मैं फैला आकाश, तेरा बादल सा मैं

जब से तुमसे प्यार हुआ माँ कहती है बेटा है बदमाश बहुत, पागल सा मैं

और छनकने लगती हो तुम मेरे संग तेरे नाज़ुक पैरों का पायल सा मैं

मेरी माँ नें कठिन तपस्या की होगी तब जाकर वो पाई मुझको, फल सा मैं

नील तुम्हारे बीच हमेशा होगा पर जिस्म हमारा इक पल का, इक पल सा मैं

29/04/2019

हर जख्मों की एक दवा तेरा चुम्बन


करता ही रहता है अक्सर आलिङ्गन हर जख्मों की एक दवा तेरा चुम्बन

वो रहती है अक्सर मेरी बाहों में इससे ज्यादा क्या होगा दीवानापन

आजीवन की एक पालिशी जैसी है डूबा हूँ उसमें, वो मेरा जीवनधन

उसके चेहरे जैसा दूजा क्या होगा चौबिस घंटे लगती एक सजी दुल्हन

आओ ना घर मिलते हैं भैया भाभी फिर से हरा - भरा हो जाये घर आँगन

नील उसे जैसे देखा दिल हार गया माँ! इतनी चुम्मू है उसकी जानेमन

देखे पसन्द करके उसको मना किया


खाला का घर नहीं है जो मन हुआ किया
देखे पसन्द करके उसको मना किया 

क्या सोंचती होगी कि कहाँ कौन कमी है 
इस दौलत - ए - नाचीज़ नें क्या - क्या करा दिया 

खुद से हुई है नफ़रत उसको रुला दिया 
कुछ दिन के लिए उसको ये सिलसिला दिया 

तुम तो पढ़े लिखे हो फिर भी ये हाल है 
घर ही मना न पाये तो क्या भला किया 

मन कर रहा था उठ के तमाचा मैं खींच दूँ 
कुछ सोच - समझकर के उनको विदा किया 

तू है कहाँ छुपा हुआ ओ नील ! बेख़बर 
उसका चराग़ उसने फिर से बुझा दिया  






हर बच्चों के पा - मम्मी हों

Neel 
फल फूल रहे न चटनी हो 
जीवन भर बुक न रटनी हो 

जीवन डूबा हो मस्ती में 
न फोन रहे न पत्नी हो 

उन लोगों से बातें करना 
जिन लोगों में न गर्मी हो 

पर बिटिया देख ताक लेना 
वो शायद नहीं अधर्मी हो 

उसके कमरे में जाओ पर 
बचना की न बेशर्मी हो

तेरी आँखों की मधुशाला
मेरी आँखों में चढ़नी हो 

डी.जे फीजे से बेहतर है 
शादी में बन्ना - बन्नी हो 

इतना भी पंख पसारो मत 
जेबों में नहीं चवन्नी हो 

मौला इतना एहसान करो 
हर बच्चों के पा - मम्मी हों 

इक बारी मुझे ख़बर करना 
हे नील! जमीं जब बिकनी हो 



28/04/2019

मेरे भीतर वो बनने की लियाक़त है तो है

Neel
मेरी आँखों में गर तेरी नज़ाक़त है तो है 
परीशाँ रात - दिन करता शरारत है तो है 

मुझे कब कौन रोका है मुझे कब कौन रोकेगा 
जो तुमसे हो गई है अब मुहब्बत है तो है 

हमारे पास में खुद को बहुत महफूज़ पाती है 
मेरा कर्त्तव्य है उसकी हिफाज़त है तो है 

मुझे कुछ भी नहीं खोना मुझे कुछ भी नहीं पाना 
मगर फिर भी ख़ुदा से ये इबादत है तो है 

मुझे मालूम है यारों मेरी ताक़त का अन्दाज़ा 
मेरे भीतर वो बनने की लियाक़त है तो है 

नहीं यूँ बोलना अक़्सर, बहुत बढ़चढ़ के बोले हो 
बड़े होने से प्यारे ! ये नसीहत है तो है 


27/04/2019

उसके इक इक हिस्सों में खो जाता हूँ

उसके इक इक हिस्सों में खो जाता हूँ 
जीवन के कुछ लम्हों में खो जाता हूँ 
मैं तो अक्सर अपनों में खो जाता हूँ 

संबंधों में गाढ़ापन बढ़ता जाए 
उन पाकीज़ा रिश्तों में खो जाता हूँ 

वो अक्सर ही मिलने आया करती है 
डूबा रहता सपनों में खो जाता हूँ 

सर पर थीसिस नाच रही है ज़ोरों से 
लिखने बैठूँ, नज़्मों में खो जाता हूँ 

शहरों में सबकुछ मिलता है मिलने दो 
मैं तो गाँवों, कस्बों में खो जाता हूँ 

मुझको दी है मेरी माँ नें एक बहन 
उसके प्यारे किस्सों में खो जाता हूँ 

कई लड़कियों से देखा बातें करते 
वो कहता है, जिस्मों में खो जाता हूँ 

मेरी भी ख़्वाहिश है बीबी सजी रहे 
साड़ी, कपड़ो, गहनों में खो जाता हूँ 

रातें कैसे गुज़र रहीं मालूम नही 
उसके इक इक हिस्सों में खो जाता हूँ 

25/04/2019

बात इतनी बड़ी नहीं होती


प्यार करती, खड़ी नहीं होती 
काश वो नकचढ़ी नहीं होती 

बात बढ़ती है बात करने से 
बात इतनी बड़ी नहीं होती 




22/04/2019

कमर उस पर सुराही हो गई है

अभिज्ञान शाकुन्तलम 
मिटी ठण्डी, रजाई हो गई है 
मेरी जाँ से सगाई हो गई है 

बदन है संगमरमर सा तुम्हारा 
कमर उस पर सुराही हो गई है 

21/04/2019

मुहब्बत जिस्म का धंधा नहीं है


जहाँ में हर कोई गन्दा नहीं है 
महज़ आँखें नहीं, अन्धा नहीं है 

मुहब्बत दो दिलों का राब्ता है 
मुहब्बत जिस्म का धंधा नहीं है 

चलो बेटा अभी स्कूल जाओ 
पढ़ाई है, कोई फन्दा नहीं है 

बहुत ही खूबसूरत लिख रहा है 
मगर वो आदमी उम्दा नहीं है 

19/04/2019

तुझे देखें तो मेरा नाम बुलाया जाये

Teri Parchhaiyan Jo Humsafar Hain.
तेरे चेहरे पे मेरे रूप का साया जाये 
तुझे देखें तो मेरा नाम बुलाया जाये 

कम से कम याद रखेंगे मुझे वो हर लम्हा 
दोस्ती छोड़ के, दुश्मन ही बनाया जाये 

दुखी रहूँ तो उन्हें मेरी ख़बर मत देना 
सुखी रहूँ तो मेरी माँ को बुलाया जाये 

वो जो ख़ामोश खड़े हैं सभी बच्चे बाहर 
मेरी महफ़िल में उन्हें प्यार से लाया जाये 

ज़ुस्तज़ू है मुझे उस दिन का, कि जिस दिन यारा 
तेरे घर में मुझे मेहमान बनाया जाये

तड़प रहा है मेरे सामने मेरा मौला
नील भरपेट उसे भोज कराया जाये 




  

18/04/2019

नील! तुमको चुना मुकम्मल है

काश इतना बुरा नही होता 
वक्त ये बेवफा नही होता 

उम्र लगती है नाम होने में 
कोई यूँ ही बडा नही होता 

लोग गर छेडते नही मुझको 
जंग कोई लडा नही होता 

 आदमी जिन्दगी समझते जो 
     फलसफा ही बना नही होता    

बात सुनता अगर बडों की तू 
यार ये क़हक़हा नहीं होता 

एक दूजे से प्यार न हो तो 
फालतू वास्ता नही होता

नील! तुमको चुना मुकम्मल है 
वगर्ना रास्ता नही होता 

17/04/2019

अल्लाह देखता है उससे डरें हुज़ूर

Corporate Walk With Laden
अच्छाइयों के रास्ते बढ़ते रहें हुज़ूर 
जीवन के रंगमंच पे कुछ तो करें हुजूर 

इन जंग की बातों से सुलह कर लिया जाये 
ऐसा करो न तुम मरो,न हम मरें हुजूर 

ईश्वर ने बहुत सोच के इंसान बनाया 
इंसानियत को समझें खुशियाँ भरें हुज़ूर 

दूजों को कोसना क्या हम ख़ुद को बदल लें 
ये काम यहीं करके, आगे बढ़ें हुज़ूर 

वो आग फूँकते हैं भीतर जो तुम्हारे 
खुल्ला जवाब दे दो हम क्यूँ लड़ें  हुज़ूर 

माना कि सबसे बच के लूटे हो ज़माना 
अल्लाह देखता है उससे डरें हुज़ूर 

16/04/2019

जिसमें जाओ चरमावस्था तक जाओ

                                                         

                                                      कर्म ज्ञान औ' मोक्षावस्था तक जाओ                             
                                                       जाना है तो ब्रह्मावस्था तक जाओ 

                                                    नफ़रत, सोहरत, धर्म मुहब्बत जो भी हो 
                                                      जिसमें जाओ चरमावस्था तक जाओ 

                                                       तुम सैनिक हो लड़ना धर्म तुम्हारा है 
                                                      लड़ते - लड़ते विजयावस्था तक जाओ 

                                                         विषयों में इतनी अनुरक्ति हो जाए 
                                                        कामावस्था विरहावस्था तक जाओ

13/04/2019

शह्र में गाँव कर दिया तुमनें

पार ये नाव कर दिया तुमने 
जुल्फ़ से छाँव कर दिया तुमने 

लोग लोगों से बात करते हैं 
शह्र में गाँव कर दिया तुमनें 

12/04/2019

लोग क्यूँ वाह वाह करते हैं

Neel
लोग ख़ुद को तबाह करते हैं 
जानते हैं, गुनाह करते हैं

रात आती है चाँद तारों संग
रात को हम सियाह करते हैं

चाहता हूँ मैं बाख़ुदा जिसको
आज उससे निकाह करते हैं

घूमते हैं, बड़े नज़ाकत से
और हमपे निगाह करते हैं

ख़्वाहिश -ए - पूर्णिमा की है उनको
हम अमावस की चाह करते हैं

जुर्म के बाद था अदालत में
लोग फिर भी गवाह करते हैं 

बोलता हूँ फ़िजूल ही यारों 
लोग क्यूँ वाह वाह करते हैं



11/04/2019

प्रेम शिव हैं, निशान काशी में

Kashi, Banaras,Varanasi
ईश शव औ' मशान काशी में 
रोज सुनता अज़ान काशी में 

 केरला में महज़ बदन मेरा 
घूमता है धियान काशी में 

एक ही घाट पर दिखे दोनों 
ईश,अल्ला महान काशी में 

पाठ करते बटुक ऋचाओं का 
वेद, गीता, पुराण काशी में 

सुब्ह से शाम तक महादेवा 
गूँजती है जुबान काशी में 

एक मैं ही यहाँ अकेला हूँ 
और सारा जहान काशी में

ख्वाहिशें हैं नहीं बहुत मेरी
चाहता इक मकान काशी में 

प्रेम पाकीज़गी में दिखता है 
प्रेम शिव हैं, निशान काशी में

" केरला में महज़ बदन मेरा " का मतलब ये बिल्कुल नहीं है की मैं केरला पसन्द नहीं करता केरला मुझे बहुत पसन्द है यहाँ के लोग, यहाँ की प्राकृतिक सुन्दरता, यहाँ की उदारता पर कुछ मामलों को लेकर स्वार्थी होना पड़ता है महादेव की ख़ातिर ।


10/04/2019

होंठ पर होंठ रख दिया रब्बा

Google
आज चमका गया फिज़ा रब्बा 
झूमते लोग जा ब जा रब्बा 

कई सालों के बाद आया है 
मेरे घर पर मेरा ख़ुदा रब्बा 

हाँथ में चीख रहा था भाई 
बोलकर चल दिया विदा रब्बा 

बोलना था मुझे बहुत कुछ पर  
होंठ पर होंठ रख दिया रब्बा 

जिससे उम्मीद थी रफ़ीक़ी की 
क़त्ल कर के फँसा गया रब्बा 

ढूढंता हूँ दरख़्त सपनों में 
सामने कुछ नहीं बचा रब्बा 

चाँद तक लोग आ गए लेकिन 
गाँव उनको नहीं दिखा रब्बा 

देखता हूँ जहाँ में तन्हाई 
गा रहा हूँ मैं मर्सिया रब्बा 


जा ब जा - जगह जगह 
रफ़ीक़ी - दोस्ती 
दरख़्त - पेड़ 

09/04/2019

मुसलमाँ हूँ , हमारी ईद है वो

Google
मुकम्मल पाक सी तहज़ीब है वो 
खुदा की दी हुई ताबीज़ है वो 

उसी को देखना उसकी नज़र से 
मुसलमाँ हूँ , हमारी ईद है वो 

कभी देखा नहीं उसको अभी तक 
मेरे जीवन की पहली दीद है वो 



14/03/2019

कहाँ दूध के धुले हुये हो तुम यारा

The Habitat
बस थोड़ा सा खुले हुये हो तुम यारा 
कहाँ सभी संग अभी घुले हो तुम यारा 

बात मुकम्मल है तेरी, मैं दोषी हूँ 
कहाँ दूध के धुले हुये हो तुम यारा 

तुम्हीं कहो विश्वास भला कैसे कर लूँ 
दुश्मन से भी मिले हुये हो तुम यारा 

अभी उम्र जो ढ़ली लगे सिखलाने तुम 
यौवन में क्या नहीं किये हो तुम यारा 

जो भी देना है दे दो, या जाने दो 
मुझको मेरे देश भगाओ तुम यारा 

सबकुछ रहने पर भी सदा परीशाँ हो 
मुझको जीना नहीं सिखाओ तुम यारा 

रामराज कै रहा तिरस्कृत रावणराज भले है!

देसभक्त कै चोला पहिने विसधर नाग पले है रामराज कै रहा तिरस्कृत रावणराज भले है ।। मोदी - मोदी करें जनमभर कुछू नहीं कै पाइन बाति - बाति...