Performance At Chinmaya University |
हमारे पास रखती हो बड़े एहसास रखती हो
मुझे तुम साँस देने के तज़ुर्बे - खास रखती हो
बगावत से मुहब्बत तक तुम्हारा फलसफ़ा इतना
जुबाँ खामोश रहती हैं नज़र से बात रखती हो
सदा फूलो फलो यूँ ही कि हर मन्जिल नई चूमों
बहुत है सादगी तुममे अधिक परवाज़ रखती हो
मुक़म्मल है तुम्हारा इश्क़ फिर इतनी ख़फ़ा क्यों हो
मुझे जब देखती हो क्यों दिल - ए - नासाज़ रखती हो
मेरा मन घूमता रहता है अक्सर स्वप्न में मेरे
खिंचा जाता हूँ फिर भी मैं गज़ब अन्दाज़ रखती हो
नहीं दौलत, नहीं सोहरत, नहीं विख्यात हूँ इतना
तुम्हारी सोंच सुन्दर है मुझे सरताज़ रखती हो
फलसफ़ा - दर्शन
परवाज़ - उड़ान
दिल - ए - नासाज़ - हृदय प्रतिकूल