26/10/2017

खुद के सपनों में ही खुद को देख तू

ये जमीं और आसमाँ कर एक तू
यूँ न हिम्मत हार लड़कर देख तू

तोड़ दे चट्टान भी आये अगर
इस समर में एक भाला फेंक तू

वो तेरे पैरों तले आ जाएँगें
इक कदम आगे निकल कर देख तू

जीत लोगे सब  तुम्हारा है ज़रा
ज़िन्दगी से डर हटाकर देख तू

क्या रखा है उस बड़े प्रासाद में
आत्मा में झाँक यारा देख तू

सब गिले शिक़वे यहाँ मिट जाएँगें
इस जहाँ में प्यार भर कर देख तू

खुद - ब - खुद किस्मत बदल जाएगी बस 
खुद के सपनों में ही खुद को देख तू 

ये जमीं और आसमाँ कर एक तू
यूँ न हिम्मत हार लड़कर देख तू

तोड़ दे चट्टान भी आये अगर
इस समर में एक भाला फेंक तू


रामराज कै रहा तिरस्कृत रावणराज भले है!

देसभक्त कै चोला पहिने विसधर नाग पले है रामराज कै रहा तिरस्कृत रावणराज भले है ।। मोदी - मोदी करें जनमभर कुछू नहीं कै पाइन बाति - बाति...