24/04/2018

मेरा दिल आ गया जिस पर सनम वो खूबसूरत है

मुझे मालूम है इतना तुम्हें मुझसे मोहब्बत है
मुझे तेरी जरूरत है , तुम्हें मेरी जरूरत है

नज़र के सामने रहती है हो तुम मेरे खुदा होकर
मिलन अपना मुकम्मल हो खुदा से ये इबादत है

न जाने कौन सी मिट्टी से उसका तन बनाया है
मेरा दिल आ गया जिस पर सनम वो खूबसूरत है

कभी माँ उसमें दिखती है कभी वो प्रेमिका दिखती
कभी पत्नी नज़र आती अजब सी एक मूरत है

नही चाहा कभी कुछ पल की खुशियाँ आज तक तुमसे
तुम्हीं बोलो ये झूठा है या फिर कह दो हकीकत है

मुनासिब है मुझे हर पल तुम्हारे देह का पाना
छुपे बिन रूह तक पहुँचूँ सुनो ऐ " नील " आदत है


20/04/2018

"नील" तुम्हारा फैन हुआ

नील तुम्हारा फैन हुआ 
जब जब पायल छनकी तेरी , दिल को मेरे चैन हुआ
वो आँखों से तीर चलाना " नील " तुम्हारा फैन हुआ

इन आँखों में वो ही सूरत , वो हम दोनों का जीवन
बहुत दूर सब भेज दिये हैं , मिलना तुमसे बैन हुआ

पंक्षी भी अब कम दिखते हैं , पवन तुम्हीं छूकर आओ
कहना उनसे चाँद निहारें , मैं बिल्कुल बेचैन हुआ

नींद नही आती अब मुझको , न दिन में, न रातों में
इन्तज़ार में तेरे हमदम ! मैं खुद अपना नैन हुआ

काली , घनी , सुहानी रातें , उसमें ये तेरी यादें
आँखों से क्या बारिश करना , जीवन मेरा रैन 

18/04/2018

जाओ कहीं किनारे मनभर रो लो तुम

Jindagi Na Milegi Dodara 

सूरज की आँखों में आँखें डालो तुम
सारे सपने आँखों में यूँ पालो तुम

ब्रह्मा का सिंहासन सारा हिल जाए
उठो शेर, अब तो दहाड़ कर बोलो तुम

क्यूँ डरते हो जीवन को आसाँ समझो
बंद पड़े सारे दरवाजे खोलो तुम

इक माँ है, इक बहना है, इक तात तेरे
इक भाई की आँख के आँसू ले लो तुम

जीवन को खुश रखना है , इक काम करो
सारे रिस्ते हँसते हुए सम्हालो तुम

मुझपे रंग चढ़ाना है तो कुछ सोचो
प्यार का रंग पहले अच्छे से घोलो तुम

तुमपे जीवन लुटा दिया हूँ अब क्या दूँ
दे दूँगा बस हँसते - हँसते बोलो तुम

सारे दर्द निकल कर बाहर होंगे तब
जाओ कहीं किनारे मनभर रो लो तुम

मैं पागल हूँ , मुझे छोड़ उसको देखो
"नील" कभी तो गज़ल मेरी भी गा लो तुम

नोट : यहाँ तात सिर्फ पिता के लिए प्रयोग किया गया है ।

16/04/2018

चलो तुमको उड़ाता हूँ सलोने आसमाँ पे मैं

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चलो तुमको उड़ाता हूँ सलोने आसमाँ पे मैं
                       तुम्हारे साथ हूँ हरदम ऐ हमदम! इस जहाँ में मैं

                       मुझे तुम यूँ भुलाकर तो नही जी पाओगे
                       जहाँ तेरी नज़र जाएँगी आऊँगा वहाँ पे मैं

                       तुम्हारी सादगी पर है निछावर ज़िन्दगी मेरी
                       मुझे अपना बनाओ तुम महक जाऊँ फिज़ा में मैं

                       मेरा घर - द्वार कुछ न है , तुम्हारा प्यार है सबकुछ
                       लिपट कर आ मिलो हमसे कहो आऊँ कहाँ पे मैं

                       नही जाना बताये बिन मुझे तनहा यहाँ करके
                       मुझे भी साथ ही रखना जहाँ तुम हो वहाँ पे मैं

                       करूँगा क्या ज़माने में अकेले दूर मैं तुमसे
                       कि घुट - घुटकर मरूँगा,और क्या होगा,यहाँ पे मैं

                       मैं अपने ज़िन्दगी की डोर तेरे हाँथ में रखकर
                       मिटूँगा इस कदर यारा न आऊँगा यहाँ पे मैं 

रामराज कै रहा तिरस्कृत रावणराज भले है!

देसभक्त कै चोला पहिने विसधर नाग पले है रामराज कै रहा तिरस्कृत रावणराज भले है ।। मोदी - मोदी करें जनमभर कुछू नहीं कै पाइन बाति - बाति...