इतनी मीठी तेरी पुकार खुदा खैर करे
लौट आए वो बरकरार खुदा खैर करे
इतनी भोली सी है नादान - सादगी उसकी
सादगी में बसा खुमार खुदा खैर करे
मुंतज़िर था मैं जिस वख़त का उसी को लेकर
सामने आ गया है यार खुदा खैर करे
आँख मिलती रही हर रोज़ हम मिले ही नही
बीच में उफ्फ ये संसार खुदा खैर करे
उसके लफ्ज़ों से शहद गिरती रही शामो - सहर
भा गया मुझको वो रुख़्सार खुदा खैर करे