27/02/2019

बहुत दिनों से माँ से बातें नहीं हुई



पूरी अभी तुम्हारी यादें नहीं हुई 
लगता है दिल से फरियादें नहीं हुई 

मैं रोता हूँ खुद को अब तनहा पाकर 
बहुत दिनों से माँ से बातें नहीं हुई 

जोगी के भेष मा भोगी हैं

ढोंगी - बाबा 

जोगी के भेष मा भोगी हैं 

खुद का वै किशन बतावथीं 
रोमंटिक गाना गावत थीं 
अंग्रेजी - पिक्चर वै देखैं 
गोपियन का साथ देखावत थीं 
पकड़ाय गएन कइयौ बाबा 
देख्या नाही नम्बर आवै 
पिछवाड़े पै डण्डा परिहैं 
लगब्या खुद ही कूदै - फांदै 
हम नहीं कुछू अब अउर सुनब 
जउनै देखब हम वही कहब 

सन्यासी नाहीं ढ़ोगी हैं 

हाँथन मा हाँथ मिलाय रहें 
चिकनी - चुपड़ी बतियाय रहें 
लइकिनियौ अब पगलानि अहैं 
बाबा खातिर दुबरानि अहैं 
इनहू के बुद्धि मरी अहै 
इनका का बोली चाड़ि अहैं 
बाबा का तौ समझै चाही 
उनपै समाज केतना थूकी 
अब अउर कुछू ना कहि जाई 
उनपै श्रद्धा न होए पाई 

कामुकता के वै रोगी हैं

गोड़े पै पीठि पै डण्डा
जब परै लाग खुलगा झण्डा
सारा सन्यास उतर भागी
मूड़े पै जब सोंटा बाजी
यैह बरे अबै समझाय रहिन
दलदल छोड़ौ, गोहराय रहिन
कुछ देखौ समझौ जान लियौ
कुछ बात हमारौ मान लियौ
न कुछू बताउब, अहन निडर
बोलथिं, पूछा बहुत मगर

बोलते नाही यै घोघी हैं  

26/02/2019

ये समुद्र की लहरें यारों ये समुद्र की लहरें

Chennai - Trip

ये समुद्र की लहरें यारों ये समुद्र की लहरें 
मिलती हैं मुझसे आकर मैं चाहूँ मुझमें ठहरें 

मैं क्या हूँ, मुझमें क्या है सबकुछ वो मुझे बताती 
जब भी लहरों को सुनता हूँ अपना मुझे बनाती 
मुझको मुझे मिलाती हैं वो मुझमें आकर तैरें 

ये समुद्र की लहरें यारों ये समुद्र की लहरें 

सारा जग है शोर मचाता मेरे अगल - बगल में 
पर वो नहीं सुनाई देता है मुझको उस पल में 
आवाजें आती हैं मुझ तक दिखे न इक भी चेहरे 

ये समुद्र की लहरें यारों ये समुद्र की लहरें 

लहरों पर लहरों को देखा साँझ हुआ मन गदगद 
तिस पर सूरज की किरणें दिखती हैं सुन्दर - अद्भुद 
डूब रहा था मैं खुद में वो मिलीं डुबा दी गहरे 

ये समुद्र की लहरें यारों ये समुद्र की लहरें 
मिलती हैं मुझसे आकर मैं चाहूँ मुझमें ठहरें 




19/02/2019

तुम्हारे होंठ का गर आचमन कर लूँ प्रिये

Akanksha Ji

कहो तो खुशनुमा अपना चमन कर लूँ प्रिये 
जमीं क्या आसमाँ को भी नमन कर लूँ प्रिये 

मिलेगा फल मुझे उस दिव्य चारो - धाम का 
तुम्हारे होंठ का गर आचमन कर लूँ प्रिये 

जुबाँ से जो बयाँ न हो सके वो खूबसूरत 
तुम्हारे रूप को, तुमको सनम कर लूँ प्रिये 

बहुत तड़पा चुकी हैं आप मुझसे दूर होकर 
अजी अब पास भी आओ सितम कर लूँ प्रिये 

रहूँ गाता तुम्हें हर वक़्त अपनी जिन्दगी में 
तुम्हारे गीत को अपना भजन कर लूँ प्रिये 

रहूँ संग - संग विधाता की बनाई सृष्टि में 
तुम्हारे नाम अपना हर जनम कर लूँ प्रिये


17/02/2019

मृगतृष्णा से सम्बन्ध न हो

Akanksha Ji
विश्वास रहे पर अंध न हो 
मृगतृष्णा से सम्बन्ध न हो 

जब प्रेम शाश्वत सत्य दिखे 
उस पर कोई प्रतिबन्ध न हो 

गतिशील बनाओ जीवन को 
उन्नति के पथ पर बढ़ो सदा 
इतना खुदपर विश्वास रहे 
जीवन में कोई द्वंद्व न हो 

जो ठान लिए वो कर गुजरें 
जीवन के लक्ष्य से न मुकरें 
माँ और पिता के शरण रहें 
आज़ाद रहें स्वच्छंद न हों 

तुम प्रेम लिखो सौ बार मगर 
सामाजिक - गतिविधियाँ भी हों 
भावों की हो परिपक्व - दशा 
कविता हो केवल छ्न्द न हो 

जो बीत गया वो जाने दो 
अपनों को गले लगाने दो 
जीवन में ऐसे कर्म करो 
खुश्बू हों, पर दुर्गन्ध न हो 

मुझपे वो चाल चले जायें 
हर बार मारने को आयें 
माता के भाई होने से -
मामा तो हों, पर कंस न हों 

कितने भी तुम विख्यात रहो 
कितना भी ज्ञान अथाह रखो 
जीवन को ऐसे सरल रखो 
जीवन में कोई दम्भ न हो 

15/02/2019

मुहब्बत ज़ख्म है जन्नत मुहब्बत

At New Kashi Vishwanath in BHU.
मुहब्बत है ख़ुशी नफ़रत मुहब्बत 
मुहब्बत हार है हिम्मत मुहब्बत 

मुहब्बत की बड़ी बातें सुना हूँ 
मुहब्बत ज़ख्म है जन्नत मुहब्बत 




13/02/2019

जीवन भर हमरे साथ रह्यू

Memory of Chinmaya University

जीवन भर हमरे साथ रह्यू 
जीवन भर हमरे साथ रह्यू 

हमरे भइया भउजी अच्छे 
उनके सबके प्यारे बच्चे 
सब तोहका चाची मानत थीं 
फोटू देखतै पहिचानत थीं 
फोनवा पै हमसे कहत रहें 
हमहू मिलबै अब चाची से 
छोटकी बहिनी हमसे बोलीं 
बतियाइब नवकी भाभी से 
मम्मिउ तोहका अपनाय लिहीं 
पहिलेन ऊ लड्डू खाय लिहीं 
पापा का जइसेन खबर मिली 
अँखियन के तारा होय गयू 
हमरे घर मा सब अच्छे हैं 
जेतना मन चाहै पड्यू - लिख्यू 

जीवन भर हमरे साथ रह्यू 
जीवन भर हमरे साथ रह्यू 

ना चाही हो घोड़ा, हाँथी 
हमका चाही जीवनसाथी 
जेहिके साथे जीवन काटब 
आपन सुख - दुःख संग संग बाँटब 
लड़ि मरि के खाब - खियाइब सब 
सपना हम पूर कराइब सब 
दुनिया वालेन के काम अहै 
वै चिल्लइहैं, चिल्लाए द्या 
हरदम हम तोहरे साथ रहब 
उनका सबका तू जाये द्या 
ई वादा है हमार तुमसे 
आपन बियाह होई झम से 
दुनिया केतनीउ शैतान बनै 
केतनौ तुमका परशान करै 
हम जउन कही बस सुनत रह्यू 
छोड़िउ ना संगे - साथ बह्यू 

जीवन भर हमरे साथ रह्यू 
जीवन भर हमरे साथ रह्यू 

तोहरौ आपन बिचार होइहैं 
जे जगह - जगह पै समझइहैं 
मिलके जीवन - गति बढ़त रही 
सीढ़ी दर सीढ़ी चढ़त रही 
जेतनी उन्नति हम कइ पउबै 
ओतने ऊपर तोहका लउबै
तोहका हम आपन मान लेहे 
तोहका आखिर पहिचान लेहे 
बस हमहीं बोली ठीक नहीं 
बोला आखिर आजादि अहा 
हमरे घर आवै का तोहका 
अब पापा के औलादि अहा 
मन मा जब जउन रहै तोहरे 
कहि दिहू न ज्यादा कष्ट सह्यू 
ई कउनो नहीं जरूरी है 
हम जउन कही तू वही कह्यू 

जीवन भर हमरे साथ रह्यू 
जीवन भर हमरे साथ रह्यू 





09/02/2019

का हो दादा रामबचन

Goolge

का हो दादा रामबचन 

मूँछ तोहारौ फरिकै लाग 
देखा हम पानी मा आग 
जब से बेटवा अफ़सर होइगा 
भाव तोहारौ अब सर होइगा 
पैसा, गाड़ी, गहना माँग्या 
खाना, पीना , रहना माँग्या 
समधी के इक बाल न पूछ्या 
का बीतत है हाल न पूछ्या 
तोहका सब स्टंडर चाही 
तोहरेव बिटिया का बर चाही 
सुना ध्यान से जउन कहा सब 
बेटवा बेंचै जात अहा अब 

बिटिया से तू लइके धन 

तोहका एक सिकन्दर चाही 
खुला गगन ई अम्बर चाही 
कला, संस्कृति सीख्या नाही 
तोहका केवल नम्बर चाही 
काहे हरदम हड़कावत ह्या 
काहे ओहके गरियावत ह्या 
थोर से ओहके अबै जियै द्या 
घूमै,टहरै, खाय पियै द्या 
ज्यादा गरम करा न पारा 
माना तीर बहुत तू मार् या 
वहू के कुछ अभिलाषा होई 
कुछू बनै के आशा होई 

बेटवव के अब पढ़ ल्या मन

घर - दुवार के पता नहीं बा
बहुत फकीरी छाइ बाटै
जब आई बाबा के पेन्सन
बुवौ घरे पै धाई बाटै
जीवन नाही नरक होइ गवा
बाबौ का अब स्वरग होइ गवा
नहीं देखातै अब घर केहू
कपड़ा का अब धोवै रेहू
आँसू नाही खून चुवत है
बहुत गरीबी है, रोवत है
होली अउर दिवाली नाही
बिन पैसा घरवाली नाही

ओहके खातिर कउन चमन

पुलिस गाँव मा घुसी अहै अब
कउनो शायद चक्कर होइगा
जर - जोरू के बात करिन
दूनौ भाई मा टक्कर होइगा
मूड़ फुरौव्वल कइके राजू
दुइनौ अस्पताल मा बाटें
एक दिना मा करें लड़ाई
दुसरे दिन घर पतरी चाटें
होतै ठीक पुलिस घर धमकी
पइसा लइके ठोंकेस सोटा
बप्पा सर पै हाँथ रखे सोचैं
ई सिक्का खोंटा होइगा

नहीं बतावा ढ़ेर जतन

लागत है सठियात अहा तू
दिन पै दिन बौरात अहा तू
लरिकन के दौड़ावत बाट्या
मतलब बिना, थकावत बाट्या
ई लै आवा, ऊ लै आवा
कुछ ना कुछ तौ अबै खियावा
छिनभर मा तोहका सब चाही
नहीं बना अब एतना हाही
राम नाम तौ लिहा नही तू
दान - पुन्न कुछ किहा नहीं तू
गुस्सा नाक पै रखा नाही
बाट्या तू अब बच्चा नाही

जब देखा तानत थ्या गन










तेरे ना होने से होना मेरा कहाँ



तेरे ना होने से होना मेरा कहाँ 
तेरे ना होने से होना मेरा कहाँ 

लेकर चलना मुझे भी तू जाए जहाँ 
तेरे ना होने से होना मेरा कहाँ 

तुमको पलकों पे रखा हूँ शाम ओ सहर 
दिल में उठती तरंगें हैं , उठती लहर 
नीदें मेरी चुराने की क्या दूँ सज़ा 

दिल की धड़कन बढ़ाती है तू आजकल 
संग - संग रहना मेरे साथी तू साथ चल 
रखना मुझको भी हमदम, रहना जहाँ 


मैं गुज़रा हुआ ज़माना हूँ

Google 

तुम मुझे भुला ना पाओगी 
मैं किस्सा बहुत सुहाना हूँ 

मैं सदा तुम्हें याद आऊँगा 
मैं गुज़रा हुआ ज़माना हूँ  

फिर से आओ संसार - जियें 
फिर से आओ इक साथ चलें 
फिर नदियों में कलकल हो 
फिर से मन में कुछ हलचल हो 
मुझपे थोड़ा विश्वास करो 
फिर से आओ आगाज़ करो 

कल तक जो साथ तुम्हारे था 
देखो तो वही खज़ाना हूँ 

जब तक हम दोनों संग - संग हैं 
तब तक ये चाँद सितारे हैं 
जब तक संगम हम दोनों का 
बस तब तक ही ये प्यारे हैं 
अब पास महज़ कुछ यादें हैं 
जीवन की यही मुरादें हैं 

फुर्सत हो तो, आ जाना तुम 
मैं बन्दा वही पुराना हूँ 


08/02/2019

मेरी माँ का हाँथ मेरे सर रहता है

From Google

सबके सर पर इक - इक छप्पर रहता है 
वो दुखिया है शायद बेघर रहता है 

मैं बढ़ता हूँ इसमें नहीं अजूबा कुछ 
मेरी माँ का हाँथ मेरे सर रहता है 

एड़ी से चोटी तक ज़ोर लगाओ तुम 
हर पंक्षी के पास सुनो पर रहता है 

बाहर का माहौल बहुत ही बत्तर है 
जब तक बहन नहीं आये, डर रहता है 

मत घबराओ प्रिये ! तुम्हारी यादों का 
 इस दिल में मदमस्त - समन्दर रहता है 

06/02/2019

सुना लरिकवा करिया रहि गा

Me With My One Of Best Brother Manu Bhai 

सुना लरिकवा करिया रहि गा

सेन्ट मार के जाए ऑफिस 
फेरन - हन्डसम खूब चपोतिस 
रगरेस पूरा चेहरा आपन 
रोजै गरल - फ्रेंड के ख्वाहिस 
तनिकौ नहीं बदल पाएस ई 
जइसे रहल हौ, वइसे रहि गा   

सुना लरिकवा करिया रहि गा

हीरो बनबै कहत रहा ऊ 
घूमत,नाचत फिरत रहा ऊ 
चक्कर मारै गली - गली के 
प्यार मुहब्बत करत रहा ऊ 
पप्पा बोलेन माई से के, देख 
बेटवना तोहर बहि गा 

सुना लरिकवा करिया रहि गा

दारू, हुक्का, चिलम लगावै 
ऐय्यासी मा खूब लुटावै 
कहनी - करनी मा अंतर हौ 
रात - रात भर घरे न आवे 
कइसे लाई वापस ओहके 
नाही कउनो जरिया रहि गा 

सुना लरिकवा करिया रहि गा

मारै - पीटै महतारी के 
झरी लगावै ऊ गारी के 
उल्टा - सीधा बकत रहत है 
खात पियत है परा रहत है 
तनिकौ नहीं चलै पावै अब 
लरिका नाहीं लढ़िया रहि गा 

सुना लरिकवा करिया रहि गा

दादी जब - जब काम बतावें 
गुर्रावे ,संग आँख दिखावे 
दादा ओहके देख जरत हैं 
बोलें, काहे नहीं मरत है 
पूरा गाँव मोहल्ला बोले 
पेट गइल अब हड़िया रहि गा 

सुना लरिकवा करिया रहि गा



05/02/2019

मैं लिखता हूँ शब के साये में बैठा

BHU - Ruiya ( Sanskrit Blok )

वो कहता है उसको जहाँ झुकाना है 
मैं कहता हूँ मुझे दिलों तक जाना है 

सबका अपना - अपना यहाँ सफ़र यारों 
सबको अपनी - अपनी मंज़िल जाना 

मैं लिखता हूँ शब के साये में बैठा 
उनको अब्भी भी महफ़िल तक जाना है 

बच्चों को खुश रखते हैं पापा मेरे 
ज्ञानी हैं, फिर भी ज़ाहिल तक जाना है 

मैंनें  भी कुछ सोच रखा है जीवन में 
इस साहिल से उस साहिल तक जाना है 

भूखों की नज़र हर घड़ी रोटी पे रही है



आशिक की नज़र हर घड़ी चोटी पे रही है 
गिद्धों की नज़र हर घड़ी बोटी पे रही है 

मानो नहीं मानो मगर ये सत्य है साहब 
भूखों की नज़र हर घड़ी रोटी पे रही है 


04/02/2019

दिल की बात निकलकर बाहर आ जाए



बातें बोलो आँख सजल कर आ जाएँ 
झूमें नाचें और सम्हलकर आ जाएँ 

इतना प्यार करो, इतनी बेचैनी दो 
दिल की बात निकलकर बाहर आ जाए 

मौका दो  उसको, पूरी आज़ादी दो 
क्या मालूम संसार बदलकर आ जाए

इतना उन्हें खिलाओ, इतनी सेवा दो
बाबा सौ वर्षों तक चलकर आ जाएँ 


मेरी माँ सामने जब हो उदासी दूर रहती है

कन्हैय्या यशोदा और देवकी के साथ 

दवा लेता हूँ अक्सर और खाँसी दूर रहती है 
मुहब्बत गर हकीकत हो तो राशी दूर रहती है 

बहुत ही याद आती है तुम्हारी अब अकेले में 
 मेरी माँ सामने हो तो उदासी दूर रहती है 

जिसे मैं चाहता हूँ हे प्रिये! मैं नाम दे बैठा
 है इस दिल में, मग़र कॉलेज से थोड़ा दूर रहती है 

02/02/2019

कविता, नज़्मों, गज़लों सी बन जाती है



वो हँसती है मेरा दिल बहलाती है 
दिल की सारी बातें मुझे बताती है 

उससे बातें कर के मेरा दिन गुज़रे 
उसके फोटो संग रातें कट जाती हैं 

ज़िक्र हमारा करती बातों - बातों में 
बातों - बातों में परिचय दे जाती है 

Fb, Whats app, Insta ,Twitter सब पे है 
सबसे मुझको इश्क बहुत समझाती  है 

दिल की बातें वो भी कहना चाहे पर 
ना जाने क्यों कहने में शर्माती है 

दिन, तारीख़ महीना सबकुछ याद उसे 
इक मुद्दत से मुझको पढ़ती जाती है

छोटी - छोटी बातों पर लड़ती रहती
वो मेरी जीवन - साथी बन जाती है 

जब भी उसको लिखने बैठा सिद्दत से 
कविता, नज़्मों, गज़लों सी बन जाती है 


तुम्हें नसीब सोचता हूँ मैं




बहुत अजीब सोचता हूँ मैं 
उसे रक़ीब सोचता हूँ मैं

आज इज़हार करूँगा तुमको 
रोज़ तरक़ीब सोचता हूँ मैं 

बाँह में तुम बिखर गई मेरे 
तुम्हें हबीब सोचता हूँ मैं

एक तुम हो, हसीन जीवन है 
मुझे, अमीर सोचता हूँ मैं 

सीखता हूँ मैं बारहाँ तुमसे 
तुम्हें अदीब सोचता हूँ मैं

आज सबकुछ मेरे तुम्हीं तुम हो
तुम्हें नसीब सोचता हूँ मैं 








रामराज कै रहा तिरस्कृत रावणराज भले है!

देसभक्त कै चोला पहिने विसधर नाग पले है रामराज कै रहा तिरस्कृत रावणराज भले है ।। मोदी - मोदी करें जनमभर कुछू नहीं कै पाइन बाति - बाति...