नीलेन्द्र शुक्ल " नील " |
मुझसे पहले मेरी आत्मा मर गई
वो खड़ी थी जहाँ पे खड़ी रह गई - 2
मुझसे पहले मेरी आत्मा मर गई -2
क्या कभी राधिका थी अलग कृष्ण से
तुम कहो मैं रहूँगा कहाँ सृष्टि में
छोड़कर तुम कहाँ से कहाँ कर गई
मुझसे पहले मेरी आत्मा मर गई -2
तार - दिल के सभी तोड़ कर क्यूँ गये
क्यूँ गये राह में छोड़कर क्यूँ गये
मेरे सपनों का तुम खात्मा कर गई
मुझसे पहले मेरी आत्मा मर गई -2
क्या हुआ बीच में क्यों हुई तुम खफा
मौत दे दो मुझे पर नही ये सजा
यूँ अकेला मुझे बेवफा कर गई ।
मुझसे पहले मेरी आत्मा मर गई -2
मेरी गलियों में अब चाँद निकले भी तो
क्या करूँगा, जमाना ये पिघले भी तो
हुश्न को इश्क से तुम जुदा कर गई
मुझसे पहले मेरी आत्मा मर गई -2
वो खड़ी थी जहाँ पे खड़ी रह गई
मुझसे पहले मेरी ला र ला ला र ला
हूँ हुँ हूँ हूँ हुँ हूँ आह हा आह हा