अल्लाह तेरी नज़र में बेशुमार बहुत हैं
ईश्वर नही दिखे कहीं दरबार बहुत हैं ।
इक मैं ही नही प्यार करके पाप किया हूँ ,
धरती पे मेरे जैसे गुनाहगार बहुत हैं
नज़रें जमाए देखती है हुश्न - मुहब्बत
मुझ जैसे उस नज़र में गिरफ्तार बहुत हैं
इस देश की हमदर्द निगाहों से मदद लो
सब नीच ही नही हैं मददगार बहुत हैं
गाँवों की दशा देख शहर ही भला लगे
घर कम ही देखता हूँ मैं दीवार बहुत हैं
माँ की दुवाएँ साथ हैं, बहनों की इबादत
गुस्से भरे पिता हैं मगर प्यार बहुत है
दाढ़ी,जटाएँ देख के भरम में मत पड़ो
पाखण्डियों के नाम बलात्कार बहुत हैं
बहनों की , बेटियों की यूँ इज्जत से न खेलो
शहरों में हवस के लिए बाज़ार बहुत हैं
गैरों का खाके कब तलक आराम करोगे
बाँटो तो सही ,देश में हकदार बहुत हैं
इसका कभी उसका हूँ सदा रोल निभाया
चेहरा है एक दोस्तों किरदार बहुत हैं
दिल से मिला हूँ सबसे नही बुद्धि लगाई
वो सोंचते हैं खुद को समझदार बहुत हैं
हर पाँच - वर्ष बाद दिखें हाँथ जोड़कर
भारत में दिखी नक्कटी सरकार बहुत हैं
दूजे के काँध रख के मियाँ ट्रिगर दबाएँ
इक " नील " तू ही मूर्ख होशियार बहुत हैं ।।
ईश्वर नही दिखे कहीं दरबार बहुत हैं ।
इक मैं ही नही प्यार करके पाप किया हूँ ,
धरती पे मेरे जैसे गुनाहगार बहुत हैं
नज़रें जमाए देखती है हुश्न - मुहब्बत
मुझ जैसे उस नज़र में गिरफ्तार बहुत हैं
इस देश की हमदर्द निगाहों से मदद लो
सब नीच ही नही हैं मददगार बहुत हैं
गाँवों की दशा देख शहर ही भला लगे
घर कम ही देखता हूँ मैं दीवार बहुत हैं
माँ की दुवाएँ साथ हैं, बहनों की इबादत
गुस्से भरे पिता हैं मगर प्यार बहुत है
दाढ़ी,जटाएँ देख के भरम में मत पड़ो
पाखण्डियों के नाम बलात्कार बहुत हैं
बहनों की , बेटियों की यूँ इज्जत से न खेलो
शहरों में हवस के लिए बाज़ार बहुत हैं
गैरों का खाके कब तलक आराम करोगे
बाँटो तो सही ,देश में हकदार बहुत हैं
इसका कभी उसका हूँ सदा रोल निभाया
चेहरा है एक दोस्तों किरदार बहुत हैं
दिल से मिला हूँ सबसे नही बुद्धि लगाई
वो सोंचते हैं खुद को समझदार बहुत हैं
हर पाँच - वर्ष बाद दिखें हाँथ जोड़कर
भारत में दिखी नक्कटी सरकार बहुत हैं
दूजे के काँध रख के मियाँ ट्रिगर दबाएँ
इक " नील " तू ही मूर्ख होशियार बहुत हैं ।।