14/07/2019

" नील " मेरे ख़याल लोगे क्या


रंग मुझसे गुलाल लोगे क्या 
आश़िकी की मिसाल लोगे क्या 

इश़्क है ज़ीन में मेरे भीतर 
इश़्क बोलो निकाल लोगे क्या 

भागती है तो भाग जाने दो 
अपने सर पे बवाल लोगे क्या 

रात - दिन इंतज़ार करते हो 
खुद को ऐसे सम्हाल लोगे क्या 

छोड़ दो या कि साथ ही ले लो 
फैसला, एक साल लोगे क्या 

रोज इज्जत से चाय देते थे 
आज ना हालचाल लोगे क्या 

छोड़ दो बन्द भी करो ड्रामा 
न्याय में अब दलाल लोगे क्या 

और नजदीकियाँ बढ़ाते हो 
" नील " मेरे ख़याल लोगे क्या 

@नीलेन्द्र शुक्ल " नील "
#Poetrywithneel

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