09/08/2018

एक ही सच है हमारी जिन्दगी का


ठोकरें खाते रहे हर वक्त लेकिन
होशियारी अब तलक आई नही है

दूरियाँ कुछ यूँ हुई इस जिन्दगी में
लग रहा है पास परछाई नही है

जब कभी ये मन मेरा रोता है जीभर
चुप कराने को कोई भाई नही है

एक ही सच है हमारी जिन्दगी में
मौत वो जो अब तलक आई नही है 

रामराज कै रहा तिरस्कृत रावणराज भले है!

देसभक्त कै चोला पहिने विसधर नाग पले है रामराज कै रहा तिरस्कृत रावणराज भले है ।। मोदी - मोदी करें जनमभर कुछू नहीं कै पाइन बाति - बाति...