05/12/2018

Dear Jindagi

With Nandy Sis Neel
जिन्दगी ख़ामोश इक पतवार है 
जिन्दगी में हर घड़ी त्यौहार है 

जिन्दगी की बात पुस्तक में नहीं 
जिन्दगी हर पल नई फ़नकार है 

जिन्दगी सबकी नहीं है एक सी 
जिन्दगी में राह भी दो - चार हैं 

जिन्दगी भर इश्क जो समझे नहीं 
जिन्दगी भर के लिए बीमार हैं 

जिन्दगी को मनमुताबिक रूप दूँ 
जिन्दगी है,ये नहीं बाजार है 

जिन्दगी हरदम दिखाती आइना 
जिन्दगी सबसे बड़ी सरकार है 

जिन्दगी का इक सलीका है सुनो 
जिन्दगी को जिन्दगी से प्यार है 



इस कदर मुझपे भरोसा मत करो

नील 
इस कदर मुझपे भरोसा मत करो 
मैं तुम्हारे प्यार के लायक नही 

जिन्दगी भर प्यार की बातें करूँ 
गीत गाऊँ मैं कोई गायक नहीं 

मैं तुम्हारा साथ दूँगा क्या पता 
किस अहद हो जाऊँगा मैं गुमशुदा 
तुम जहाँ जाओ, वहाँ मैं भी रहूँ 
सुन ज़रा फिल्मों का मैं नायक नहीं 

जिंदगी में है फ़कीरी क्या करूँ 
जो दिया ईश्वर नें हंसकर ले लिया 
माँगता हूँ, मैं तुम्हें हर रोज़ पर 
क्या कहूँ, वैसा रहा साधक नहीं 

दुःख के आँसू नहीं निकालो

नील 
दुःख के आँसू नहीं निकालो 
सुख की साँस भरो यारा 

अब जब सबकुछ ठीक हो गया 
न एहसास भरो यारा 

तुम भी रूठी, हम भी रूठे 
तुम भी टूटी, हम भी टूटे 
पतझड़ का मौसम करके 
अब न हमराज़ बनो यारा 

कुछ नादानी तुमने भी की 
कुछ नादानी मैंने भी 
कुछ शैतानी तुमने भी की 
कुछ शैतानी मैंने भी 

मंजिल तुमको खोज रही 
अब उसकी तरफ बढ़ो यारा 

कहाँ गई थी बोलो आखिर 
जब मैं टूटा, बिखरा था 
जीवन की गति उल्टी थी तब 
सबकुछ उल्टा दिख रहा था 

जो पढ़ना है वही पढ़ो तुम 
मुझको नही पढ़ो यारा 

ना ही तुझसे हुई मुहब्बत, ना ही और किसी से होगी

नील 
ना ही तुझसे हुई मुहब्बत 
ना ही और किसी से होगी 

इतना पहले बदल चुकी है 
और बता कितना बदलेगी 

वक्त - वक्त की बात नहीं ये 
इस दिल की गहरी बातें हैं 
दिन तो चलो गुज़रते हैं पर 
करवट बहुत बदलती रातें 

तेरी दशा, तुझे अर्पण है 
और भला तू क्या बोलेगी  

पहले दिया उजाला तूने 
अंधकार अब क्यों देती है 
"भूल सको जितना, भूलो तुम "
ये विचार अब क्यों देती है 

इतनी गहरी चोट मुझे दी 
और अभी क्या - क्या तू देगी 

भूल गया मैं सारी बातें 
फिर - फिर नहीं कुरेदो तुम 
जो तुमसे, जो कुछ भी माँगे 
उसको वो सब दे दो तुम 

तुझको मेरी फ़िकर नहीं फिर 
मेरी ख़ातिर क्यों रोयेगी। 

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