हमेशा मुँह छुपा भागा करोगे
बड़ा कब से कहो जज्बा करोगे
अभी ये हाल है जब सीखता हूँ
कहो! कहने लगे तो क्या करोगे
सिखाओगे नहीं बच्चों को कुछ भी,
तो फिर क्या ख़ाक तुम आशा करोगे
निभाना जिन्दगी भर साथ उनका
नहीं तो खाँ - म - खाँ तन्हा करोगे
शिकायत है बड़े लोगों से मेरी
बड़ा मुझको भला तुम कब करोगे
लड़ो मुझसे उन्हें क्यों छेड़ते हो
मेरे लोगों से भी नफरत करोगे