12/02/2018

मैं तुम्हें भुलाना चाहूँगा तुम चाहे मुझे भुलाओ ना


Neelendra Shukla " Neel "
कल साँझ हमारे साथ रही अब छोड़ मुझे इतराओ ना
मैं तुम्हें भुलाना चाहूँगा तुम चाहे मुझे भुलाओ ना ।।

गर दूर तुम्हें जाना ही था इक बार बता के जाती तो
तुम कह देती दिल की बातें पर एक बार तुम आती तो    
अब धड़कन से तेरी यादों को, तेरे सपनों को, तेरे वादों को
यूँ हमें भुला देना होगा उन प्यारी सी मुलाकातों को
 
कुछ ख्वाब टूट कर बिखर गये अब सपने मुझे दिखाओ ना

हर बार तुम्हारे रूठने पर हर बार मनाया करता था
हर बार तुम्हें अपनाने को तेरे पास मैं आया करता था
इस बार हुआ है क्या ऐसा क्यों फेर लिए मुँह तुम हमसे
मैं खुशियों में जीने वाला क्यों जोड़ दिया रिस्ता गम से

अब कैसे मैं जी पाऊँगा थोड़ा सा तुम्हीं बताओ ना

वो सर्द रात की कुछ यादें कुछ याद दिलाया करती थी
हम दोनों संग - संग होते थे जन्नत दिखलाया करती थी
दिल के हर चौखट तेरे थे, दिल का सारा आँगन तेरा
पर मैं तो एक खिलौना था, था कोई मनभावन तेरा

उस बार सही, इस बार सही, अब यूँ ही मुझे रुलाओ ना

हर पल इक तुमको खोजा था हर पल तुमको ही पाया था
इतना जादू था चाहत में अपनों से हुआ पराया था
यूँ नदी किनारे बैठ साँझ हम स्वप्न सजाया करते थे
तुम मुझे बुलाया करती थी हम तुम्हें बुलाया करते थे

अब जान गया सारा किस्सा हे प्रियवर ! मुझे बुलाओ ना

आँखें जब मेरी खुलती थी बस इक ही चेहरा दिखता था
उसकी आँखों में जादू था इक सागर गहरा दिखता था
वो मुझमें खूब महकती थी मैं उसमें खूब महकता था
नयनों से वो बातें करती उस पर मन खूब बहकता था

तुमने तड़पाया बहुत मुझे अब और मुझे तड़पाओ ना

मुझको तुमने क्या सोचा है मुझको तुमने क्या जाना है
हर कदम - कदम पे साथ रहा फिर भी क्यूँ न पहचाना है
मधुशाला अब  जाता हूँ मैं शायद तुम मेरे साथ नही
इन हाँथों में अब प्याला है शायद अब तेरा हाथ नही

मैं छककर पी के आया हूँ नयनों से जाम पिलाओ ना

कल साँझ हमारे साथ रही अब छोड़ मुझे इतराओ ना
मैं तुम्हें भुलाना चाहूँगा तुम चाहे मुझे भुलाओ ना ।।

कान्हा से इश़्क करके बदनाम हो गई


कान्हा से इश़्क करके बदनाम हो गई ..........

कान्हा से इश़्क करके बदनाम हो गई
ऐसी हुई मैं बावरी पहचान हो गई

कृष्ण कृष्ण, राधे कृष्ण - कृष्ण
श्रीकृष्ण कृष्ण, राधे कृष्ण - 2

मेरा इश़्क कृष्ण, मेरा प्यार कृष्ण
मेरी जीत कृष्ण, मेरी हार कृष्ण
मेरा रंग कृष्ण, मेरा रूप कृष्ण
मेरी छाया है मेरा धूप कृष्ण
मेरा दुश्मन भी मेरा यार कृष्ण
है सागर में पतवार कृष्ण
मेरे सपनों को मंजिल देगा
बस इक तू पारावार कृष्ण ।

हे कृष्ण कृष्ण, राधे कृष्ण - कृष्ण
श्रीकृष्ण - कृष्ण, राधे कृष्ण - 2

इस राह कृष्ण, उस राह कृष्ण
कर दो पूरी सब चाह कृष्ण
संग - संग चलते हो साँसों में
रक्षक हो तुम संत्रासों में
पर्वत में भी तुम, कण में भी
दिखते हो प्रेम में, रण में भी
हैं रूप तुम्हारे इतने कि -
दिखते महलों में, वन में भी

हे कृष्ण कृष्ण, राधे कृष्ण कृष्ण
श्रीकृष्ण कृष्ण, राधे कृष्ण  - 2

है शत्रू भी वो मित्र कृष्ण
है पावन परम पुनीत कृष्ण
मनका हैं हम वो माला है
हम मधुशाला, वो प्याला है
मेरा मौला है मेरा काज़ी भी
है प्रेमी वो सन्यासी भी
इक राह चुनो नितकर्म करो
हो जाएँगें वो राज़ी भी

हैं कृष्ण कृष्ण, वो कृष्ण कृष्ण
श्रीकृष्ण कृष्ण, राधे कृष्ण - 2

हैं वायु में वो और जल में भी
हैं आज में वो और कल में भी
मेरी मन्नत में, मेरी चाहत में
दिखते हैं वो हर आहट में
हैं सुबह हमारी शाम भी वो
हैं धर्म मेरा ईमान भी वो
इक पीर हरण करने वाले
नटखट है कान्हा श्याम भी वो

हे कृष्ण कृष्ण, राधे कृष्ण कृष्ण
श्रीकृष्ण कृष्ण, राधे कृष्ण
हाँ कृष्ण कृष्ण, श्रीकृष्ण कृष्ण
राधेकृष्ण कृष्ण, श्रीकृष्ण ।।

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देसभक्त कै चोला पहिने विसधर नाग पले है रामराज कै रहा तिरस्कृत रावणराज भले है ।। मोदी - मोदी करें जनमभर कुछू नहीं कै पाइन बाति - बाति...