कान्हा से इश़्क करके बदनाम हो गई .......... |
कान्हा से इश़्क करके बदनाम हो गई
ऐसी हुई मैं बावरी पहचान हो गई
कृष्ण कृष्ण, राधे कृष्ण - कृष्ण
श्रीकृष्ण कृष्ण, राधे कृष्ण - 2
मेरा इश़्क कृष्ण, मेरा प्यार कृष्ण
मेरी जीत कृष्ण, मेरी हार कृष्ण
मेरा रंग कृष्ण, मेरा रूप कृष्ण
मेरी छाया है मेरा धूप कृष्ण
मेरा दुश्मन भी मेरा यार कृष्ण
है सागर में पतवार कृष्ण
मेरे सपनों को मंजिल देगा
बस इक तू पारावार कृष्ण ।
हे कृष्ण कृष्ण, राधे कृष्ण - कृष्ण
श्रीकृष्ण - कृष्ण, राधे कृष्ण - 2
इस राह कृष्ण, उस राह कृष्ण
कर दो पूरी सब चाह कृष्ण
संग - संग चलते हो साँसों में
रक्षक हो तुम संत्रासों में
पर्वत में भी तुम, कण में भी
दिखते हो प्रेम में, रण में भी
हैं रूप तुम्हारे इतने कि -
दिखते महलों में, वन में भी
हे कृष्ण कृष्ण, राधे कृष्ण कृष्ण
श्रीकृष्ण कृष्ण, राधे कृष्ण - 2
है शत्रू भी वो मित्र कृष्ण
है पावन परम पुनीत कृष्ण
मनका हैं हम वो माला है
हम मधुशाला, वो प्याला है
मेरा मौला है मेरा काज़ी भी
है प्रेमी वो सन्यासी भी
इक राह चुनो नितकर्म करो
हो जाएँगें वो राज़ी भी
हैं कृष्ण कृष्ण, वो कृष्ण कृष्ण
श्रीकृष्ण कृष्ण, राधे कृष्ण - 2
हैं वायु में वो और जल में भी
हैं आज में वो और कल में भी
मेरी मन्नत में, मेरी चाहत में
दिखते हैं वो हर आहट में
हैं सुबह हमारी शाम भी वो
हैं धर्म मेरा ईमान भी वो
इक पीर हरण करने वाले
नटखट है कान्हा श्याम भी वो
हे कृष्ण कृष्ण, राधे कृष्ण कृष्ण
श्रीकृष्ण कृष्ण, राधे कृष्ण
हाँ कृष्ण कृष्ण, श्रीकृष्ण कृष्ण
राधेकृष्ण कृष्ण, श्रीकृष्ण ।।
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