29/04/2019
देखे पसन्द करके उसको मना किया
खाला का घर नहीं है जो मन हुआ किया
देखे पसन्द करके उसको मना किया
क्या सोंचती होगी कि कहाँ कौन कमी है
इस दौलत - ए - नाचीज़ नें क्या - क्या करा दिया
खुद से हुई है नफ़रत उसको रुला दिया
कुछ दिन के लिए उसको ये सिलसिला दिया
तुम तो पढ़े लिखे हो फिर भी ये हाल है
घर ही मना न पाये तो क्या भला किया
मन कर रहा था उठ के तमाचा मैं खींच दूँ
कुछ सोच - समझकर के उनको विदा किया
तू है कहाँ छुपा हुआ ओ नील ! बेख़बर
उसका चराग़ उसने फिर से बुझा दिया
हर बच्चों के पा - मम्मी हों
Neel |
फल फूल रहे न चटनी हो
जीवन भर बुक न रटनी हो
जीवन डूबा हो मस्ती में
न फोन रहे न पत्नी हो
उन लोगों से बातें करना
जिन लोगों में न गर्मी हो
पर बिटिया देख ताक लेना
वो शायद नहीं अधर्मी हो
उसके कमरे में जाओ पर
बचना की न बेशर्मी हो
तेरी आँखों की मधुशाला
मेरी आँखों में चढ़नी हो
तेरी आँखों की मधुशाला
मेरी आँखों में चढ़नी हो
डी.जे फीजे से बेहतर है
शादी में बन्ना - बन्नी हो
इतना भी पंख पसारो मत
जेबों में नहीं चवन्नी हो
मौला इतना एहसान करो
हर बच्चों के पा - मम्मी हों
इक बारी मुझे ख़बर करना
हे नील! जमीं जब बिकनी हो
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