09/02/2019

का हो दादा रामबचन

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का हो दादा रामबचन 

मूँछ तोहारौ फरिकै लाग 
देखा हम पानी मा आग 
जब से बेटवा अफ़सर होइगा 
भाव तोहारौ अब सर होइगा 
पैसा, गाड़ी, गहना माँग्या 
खाना, पीना , रहना माँग्या 
समधी के इक बाल न पूछ्या 
का बीतत है हाल न पूछ्या 
तोहका सब स्टंडर चाही 
तोहरेव बिटिया का बर चाही 
सुना ध्यान से जउन कहा सब 
बेटवा बेंचै जात अहा अब 

बिटिया से तू लइके धन 

तोहका एक सिकन्दर चाही 
खुला गगन ई अम्बर चाही 
कला, संस्कृति सीख्या नाही 
तोहका केवल नम्बर चाही 
काहे हरदम हड़कावत ह्या 
काहे ओहके गरियावत ह्या 
थोर से ओहके अबै जियै द्या 
घूमै,टहरै, खाय पियै द्या 
ज्यादा गरम करा न पारा 
माना तीर बहुत तू मार् या 
वहू के कुछ अभिलाषा होई 
कुछू बनै के आशा होई 

बेटवव के अब पढ़ ल्या मन

घर - दुवार के पता नहीं बा
बहुत फकीरी छाइ बाटै
जब आई बाबा के पेन्सन
बुवौ घरे पै धाई बाटै
जीवन नाही नरक होइ गवा
बाबौ का अब स्वरग होइ गवा
नहीं देखातै अब घर केहू
कपड़ा का अब धोवै रेहू
आँसू नाही खून चुवत है
बहुत गरीबी है, रोवत है
होली अउर दिवाली नाही
बिन पैसा घरवाली नाही

ओहके खातिर कउन चमन

पुलिस गाँव मा घुसी अहै अब
कउनो शायद चक्कर होइगा
जर - जोरू के बात करिन
दूनौ भाई मा टक्कर होइगा
मूड़ फुरौव्वल कइके राजू
दुइनौ अस्पताल मा बाटें
एक दिना मा करें लड़ाई
दुसरे दिन घर पतरी चाटें
होतै ठीक पुलिस घर धमकी
पइसा लइके ठोंकेस सोटा
बप्पा सर पै हाँथ रखे सोचैं
ई सिक्का खोंटा होइगा

नहीं बतावा ढ़ेर जतन

लागत है सठियात अहा तू
दिन पै दिन बौरात अहा तू
लरिकन के दौड़ावत बाट्या
मतलब बिना, थकावत बाट्या
ई लै आवा, ऊ लै आवा
कुछ ना कुछ तौ अबै खियावा
छिनभर मा तोहका सब चाही
नहीं बना अब एतना हाही
राम नाम तौ लिहा नही तू
दान - पुन्न कुछ किहा नहीं तू
गुस्सा नाक पै रखा नाही
बाट्या तू अब बच्चा नाही

जब देखा तानत थ्या गन










तेरे ना होने से होना मेरा कहाँ



तेरे ना होने से होना मेरा कहाँ 
तेरे ना होने से होना मेरा कहाँ 

लेकर चलना मुझे भी तू जाए जहाँ 
तेरे ना होने से होना मेरा कहाँ 

तुमको पलकों पे रखा हूँ शाम ओ सहर 
दिल में उठती तरंगें हैं , उठती लहर 
नीदें मेरी चुराने की क्या दूँ सज़ा 

दिल की धड़कन बढ़ाती है तू आजकल 
संग - संग रहना मेरे साथी तू साथ चल 
रखना मुझको भी हमदम, रहना जहाँ 


मैं गुज़रा हुआ ज़माना हूँ

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तुम मुझे भुला ना पाओगी 
मैं किस्सा बहुत सुहाना हूँ 

मैं सदा तुम्हें याद आऊँगा 
मैं गुज़रा हुआ ज़माना हूँ  

फिर से आओ संसार - जियें 
फिर से आओ इक साथ चलें 
फिर नदियों में कलकल हो 
फिर से मन में कुछ हलचल हो 
मुझपे थोड़ा विश्वास करो 
फिर से आओ आगाज़ करो 

कल तक जो साथ तुम्हारे था 
देखो तो वही खज़ाना हूँ 

जब तक हम दोनों संग - संग हैं 
तब तक ये चाँद सितारे हैं 
जब तक संगम हम दोनों का 
बस तब तक ही ये प्यारे हैं 
अब पास महज़ कुछ यादें हैं 
जीवन की यही मुरादें हैं 

फुर्सत हो तो, आ जाना तुम 
मैं बन्दा वही पुराना हूँ 


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देसभक्त कै चोला पहिने विसधर नाग पले है रामराज कै रहा तिरस्कृत रावणराज भले है ।। मोदी - मोदी करें जनमभर कुछू नहीं कै पाइन बाति - बाति...