तेरे ना होने से होना मेरा कहाँ
तेरे ना होने से होना मेरा कहाँ
लेकर चलना मुझे भी तू जाए जहाँ
तेरे ना होने से होना मेरा कहाँ
तुमको पलकों पे रखा हूँ शाम ओ सहर
दिल में उठती तरंगें हैं , उठती लहर
नीदें मेरी चुराने की क्या दूँ सज़ा
दिल की धड़कन बढ़ाती है तू आजकल
संग - संग रहना मेरे साथी तू साथ चल
रखना मुझको भी हमदम, रहना जहाँ
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