24/11/2018

मेरा ईश्वर, ईश्वर नहीं रहा



मेरा ईश्वर, ईश्वर नहीं रहा
मेरा ईश्वर पिशाच हो गया है

उसे अब अच्छा - बुरा, सही - गलत का ज्ञान
नहीं रहा ,
अब वह तनिक - विचार नहीं करता कुछ
करने से पहले
उन्मत्त है वो, किसी जहरीले - नशे की धुत्त में,
नफरत सी हो गई है ईश्वर के नाम से
उसके नाम से भी अब " बू "आती है मुझे

उसके अंदर किसी
किसी बुरी - आत्मा का प्रवेश हो गया है शायद

वह अब वही देखता है
जो उसे नहीं देखना चाहिए ,
वही करता है
जो उसे नहीं करना चाहिए,
वही सोचता है
जो उसे नहीं सोचना चाहिए
मेरे ईश्वर के दिमाग को दीमक चाट गये हैं शायद
किसी लकड़ी की तरह
जिसका प्रयोग हम कहीं नहीं कर सकते
जो निष्प्रयोजन हमारे बीच सत्ता बनाए हुए है
किसी बेलगाम राजा की भाँति

वो मारते जा रहा है एक - एककर
अच्छे लोगों को,
चबाए जा रहा उनके बच्चों की जिंदगी
किसी दरिन्दे - राक्षस के जैसे

वह विधवा बनाते जा रहा है औरतों को
उसे सुहागन औरतें पसंद नहीं शायद

उसके पास अब कुछ करने को नहीं रहा
सिर्फ इसके कि,
बच्चों को अनाथ बनाना, औरतों को विधवा बनाना
माँ - पिता के सहारे की लाठी तोड़ देना
किसी का बेटा, किसी की बेटी, किसी का भाई
किसी का नाना, चाचा, पापा मौसा और
न जाने कितने लोगों को निगल जाने के अलावा

वो कायर! निहत्थों पे वार करता है
उसे हथियार वालों से डर लगता है

उसे दूसरों की खुशियाँ देखी नहीं जाती
वो सब नष्ट - भ्रष्ट कर देना चाहता है
अपनी बेहूदा - हरकतों से

उसके पास इतना कुछ है
करने को,
कि उसे फुर्सत नहीं मिलनी चाहिए
सृष्टि को सजाने के क्रम में

उसे फूल बचाने चाहिए
काँटे हटाने चाहिए दुनिया को खूबसूरत बनाने के
क्रम में ,
मगर उसे फूल की अपेक्षा काँटे शायद
कुछ अधिक ही पसन्द हैं, इस धरती के लिये

मुझे बस इस बात का दुख है कि
जिसे जहाँ होना चाहिए, वो वहाँ नही है

सच कहूँ तो कभी - कभी ईश्वर के मरने की
आहट सी आती है,
क्योंकि ईश्वर ऐसा नहीं कर सकता
वो तो दयालु हैं, कृपालु हैं और दया के सागर हैं

वो तो बुरे लोगों का भी अहित नहीं चाहते
फिर अच्छे - लोगों भला कैसे चाहेंगे

पर ईश्वर तो नित्य है, अविनाशी है,अखण्ड है
और न जाने किन - किन कृत्रिम - विशेषणों
से नवाजा जा चुका है, किसी अयोग्य - प्रधानमंत्री
की भाँति
बात और कोई नही है
इसीलिए मैं कहता हूँ

मेरा ईश्वर, ईश्वर नहीं रहा
मेरा ईश्वर पिशाच हो गया है


19/11/2018

प्यार मुहब्बत दिल की बातें झूठी हैं

P.C - Isha Sharma

जो भी की सारी फरियादें झूठी हैं 
इसकी, उसकी, सबकी बातें झूठी हैं

देवदास बन जाएंगे, फिर बोलेंगें 
प्यार मुहब्बत दिल की बातें झूठी हैं

12/11/2018

हे सखे! राजा रहो तुम मैं विदूषक ही भला हूँ

Neel

हे सखे! राजा रहो तुम मैं विदूषक ही भला हूँ 
खुद हँसू, जग को हँसाऊँ एक अद्भुद सी कला हूँ

तुम रहो जाकर भवन में मैं यहाँ पर ठीक हूँ 
तुम हँसी हो दिव्यजन की मैं किसी की छींक हूँ 
आसमाँ में , उन सितारों में चमकते चाँद तुम 
मैं हमेशा ही दिखूँगा हो कहाँ गुमनाम तुम 

फिर हँसे हैं लोग मुझपे चाल कुछ ऐसी चला हूँ 

दिन तुम्हारे काट रहे होंगे बहुत ही खूब अब 
पास परियों के रहो , बनते रहो महबूब अब 
रेत की बंजर ज़मीं मुझमें तुम्हे मिल जायेगी 
वो नहीं आई जिसे कहते रहे तुम आएगी 

मैं किसी बेकार,बदबूदार फल जैसे गला हूँ  

तुम सुनाते दण्ड प्यारे, मैं हँसी का मीत हूँ 
तुम निकालो गालियाँ बस मैं सुनाता गीत हूँ 
तुम इन्हें देते रहो दुःख , मैं हँसाऊँगा इन्हें 
जो कहे दुत्कार कर ,वो सब भुलाउँगा इन्हें 

क्या करूँ ऐसी प्रकृति में जन्म से ही मैं पला हूँ 

कष्ट से लड़ता रहा रोना नहीं आया मुझे 
क्या सुनोगे बात न, अब तक समझ पाया मुझे 
इस कदर मदहोश हो, पैसों में खोये हो सदा 
जिन्दगी में त्याग की तालीम सीखो सर्वदा 

क्या करूँ आँसू नहीं आते मुझे ऐसे ढला हूँ 

ये मुझे जीवन मिला हंसने - हंसाने के लिए 
उन गरीबों के यहाँ महफ़िल सजाने के लिए 
जिनके चहरे की शिकन हटती नहीं है उम्रभर 
मैं उन्हीं लोगों का बच्चा हूँ ,यहाँ हूँ बेफ़िकर 

हूँ बहुत निर्धन मगर अब तक नहीं तुमको छला हूँ 

मैं हजारों दुःख लिए सबको हँसाता ही रहा 
हर कदम पे मैं तुम्हें अपना बनाता ही रहा 
चाहने वाले बहुत पर प्यार न देता कोई 
मुझको वो ख़ुशियों भरा संसार न देता कोई 

मैं किसी को कष्ट में छोड़ूँ , नहीं कोई बला हूँ  

हे सखे! राजा रहो तुम मैं विदूषक ही भला हूँ 
खुद हँसू, जग को हँसाऊँ एक अद्भुद सी कला हूँ

08/11/2018

बाकी है

Neel

कुछ कर चुका हूँ , कुछ काम अभी बाकी है
अभी तो आगाज़ है , अंजाम अभी बाकी है

बहुत कहते रहे के क्या है तेरे आँगन में
ये सुबह-ए-बनारस है अवध की शाम अभी बाकी है

मानता हूँ कि नही दूध का धुला मैं , पर
बचाए रख तेरा भी नाम अभी बाकी है

दोस्ती को बना रहा जो आजकल दिलकश
वही है दोस्तों ये जाम अभी बाकी है

रोज़ गीता पे हाँथ रख के कसम खाता है
और कहता है कि ईमान अभी बाकी है

रामराज कै रहा तिरस्कृत रावणराज भले है!

देसभक्त कै चोला पहिने विसधर नाग पले है रामराज कै रहा तिरस्कृत रावणराज भले है ।। मोदी - मोदी करें जनमभर कुछू नहीं कै पाइन बाति - बाति...