Neel |
कुछ कर चुका हूँ , कुछ काम अभी बाकी है
अभी तो आगाज़ है , अंजाम अभी बाकी है
बहुत कहते रहे के क्या है तेरे आँगन में
ये सुबह-ए-बनारस है अवध की शाम अभी बाकी है
मानता हूँ कि नही दूध का धुला मैं , पर
बचाए रख तेरा भी नाम अभी बाकी है
दोस्ती को बना रहा जो आजकल दिलकश
वही है दोस्तों ये जाम अभी बाकी है
रोज़ गीता पे हाँथ रख के कसम खाता है
और कहता है कि ईमान अभी बाकी है
No comments:
Post a Comment