जब जब प्यार मुहब्बत आख़िर लिखता हूँ
अक्सर ये सब तेरी ख़ातिर लिखता हूँ
तुम लिखते होंगे विद्वानों के ख़ातिर
मैं अपने जैसों कि ख़ातिर लिखता हूँ
देसभक्त कै चोला पहिने विसधर नाग पले है रामराज कै रहा तिरस्कृत रावणराज भले है ।। मोदी - मोदी करें जनमभर कुछू नहीं कै पाइन बाति - बाति...