चलो अब हुश्न का महताब देखें
अधूरे ही सही पर ख्वाब देखें
बड़ी कमसिन अदाएँ वो दिखाई
मेरा निखरा हुआ अन्दाज़ देखें
गये दिन बीत उस आवारगी के
मनाएँ जश्न इक आगाज़ देखें
अभी जिंदादिली है खूब उनमें
मुकद्दर जोड़कर एहसास देखें
बड़ी ही खूबसूरत सी गज़ल हैं
सजा लूँ लब पे फिर आवाज देखें
जरा सा हाँथ पकड़े चल पड़े बस
संवरते भाव के अल्फाज़ देखें
फ़तह फर्माइसों की कर लिए हैं
समूचेपन का ये विश्वास देखें
मुकर्रर जिन्दगी आखिर कहाँ है
भरे मन से उन्हें हम आज़ देखे
यहाँ अट्टालिका पे साथ हैं हम
हमारे प्यार को आकाश देखे
कई दिन, दोपहर हैं साल बीते
गये बचपन से उनको आज देखे
अधूरे ही सही पर ख्वाब देखें
बड़ी कमसिन अदाएँ वो दिखाई
मेरा निखरा हुआ अन्दाज़ देखें
गये दिन बीत उस आवारगी के
मनाएँ जश्न इक आगाज़ देखें
अभी जिंदादिली है खूब उनमें
मुकद्दर जोड़कर एहसास देखें
बड़ी ही खूबसूरत सी गज़ल हैं
सजा लूँ लब पे फिर आवाज देखें
जरा सा हाँथ पकड़े चल पड़े बस
संवरते भाव के अल्फाज़ देखें
फ़तह फर्माइसों की कर लिए हैं
समूचेपन का ये विश्वास देखें
मुकर्रर जिन्दगी आखिर कहाँ है
भरे मन से उन्हें हम आज़ देखे
यहाँ अट्टालिका पे साथ हैं हम
हमारे प्यार को आकाश देखे
कई दिन, दोपहर हैं साल बीते
गये बचपन से उनको आज देखे