24/04/2018

मेरा दिल आ गया जिस पर सनम वो खूबसूरत है

मुझे मालूम है इतना तुम्हें मुझसे मोहब्बत है
मुझे तेरी जरूरत है , तुम्हें मेरी जरूरत है

नज़र के सामने रहती है हो तुम मेरे खुदा होकर
मिलन अपना मुकम्मल हो खुदा से ये इबादत है

न जाने कौन सी मिट्टी से उसका तन बनाया है
मेरा दिल आ गया जिस पर सनम वो खूबसूरत है

कभी माँ उसमें दिखती है कभी वो प्रेमिका दिखती
कभी पत्नी नज़र आती अजब सी एक मूरत है

नही चाहा कभी कुछ पल की खुशियाँ आज तक तुमसे
तुम्हीं बोलो ये झूठा है या फिर कह दो हकीकत है

मुनासिब है मुझे हर पल तुम्हारे देह का पाना
छुपे बिन रूह तक पहुँचूँ सुनो ऐ " नील " आदत है


रामराज कै रहा तिरस्कृत रावणराज भले है!

देसभक्त कै चोला पहिने विसधर नाग पले है रामराज कै रहा तिरस्कृत रावणराज भले है ।। मोदी - मोदी करें जनमभर कुछू नहीं कै पाइन बाति - बाति...