दुनिया तू घूमता रहा शोहरत के वास्ते
दो - चार गज़ल बोल मुहब्बत के वास्ते
पर्वत,पठार,पेड़ ,नदी और झरोखे ,
भारत बचाए रख तू इबादत के वास्ते
झूठा नही है चाँद ये नक्षत्र न तारे
दो चार घड़ी रुक जा मुहूरत के वास्ते
हो प्रेम बेहिसाब एक - दूजे मुल्क से
इंसान बन जरा तू शराफत के वास्ते
ले ली है कसम हमनें सुधारूँगा ये जहाँ
बिगड़ी हुई बज्ज़ात सियासत के वास्ते
जो भी लड़े हैं जंग में घायल हैं अभी तक
हर शक्स से मिलूँगा अदायत के वास्ते
हैं ठीक नहीं मुल्क के हालात आजकल
हूँ मौत में खड़ा मैं अक़ीदत के वास्ते
उनको भी खबर हो कि धुआँ यूँ नही उठा
इक आग जलाई है बगावत के वास्ते
इस देश की रक्षा में अगर प्राण भी जाँए
मिट जाऊँ सर कलम हो शहादत के वास्ते
दो - चार गज़ल बोल मुहब्बत के वास्ते
पर्वत,पठार,पेड़ ,नदी और झरोखे ,
भारत बचाए रख तू इबादत के वास्ते
झूठा नही है चाँद ये नक्षत्र न तारे
दो चार घड़ी रुक जा मुहूरत के वास्ते
हो प्रेम बेहिसाब एक - दूजे मुल्क से
इंसान बन जरा तू शराफत के वास्ते
ले ली है कसम हमनें सुधारूँगा ये जहाँ
बिगड़ी हुई बज्ज़ात सियासत के वास्ते
जो भी लड़े हैं जंग में घायल हैं अभी तक
हर शक्स से मिलूँगा अदायत के वास्ते
हैं ठीक नहीं मुल्क के हालात आजकल
हूँ मौत में खड़ा मैं अक़ीदत के वास्ते
उनको भी खबर हो कि धुआँ यूँ नही उठा
इक आग जलाई है बगावत के वास्ते
मिट जाऊँ सर कलम हो शहादत के वास्ते