तू जीत गई मैं हार गया
अब आजा मेरे आँगन में
वर्ना मेरा संसार गया । तू जीत ...
दो दिल की बात समझना था
मुझको जीवन में भरना था
मैंने तुमको अपनाया है
दिल के अन्दर ही पाया है
मैं खुद को भूलना चाहा पर
न दिल से तेरा प्यार गया ।
तू जीत गई मैं हार गया -2
दिल के दरवाजों पे है तू
मन सपनों, ख्वाबों में है तू
तेरी बाँहों की जन्नत में
खुद को पाऊँ मैं मन्नत में
यारा इक तेरे जाने से
मेरा प्यारा - परिवार गया ।
तू जीत गई मैं हार गया - 2
हर माह तुम्हारे होने से
मुझको सावन से लगते थे
पलकों पे बैठाकर तुमको
मेरे दिन पावन लगते थे
तुम आ जाओ इस जीवन में
मैंने ये जीवन वार दिया ।
तू जीत गई मैं हार गया - 2
उड़ के आजा इस आँगन में
वर्ना मेरा संसार गया ।
तू जीत गई मैं हार गया ।