22/04/2019

कमर उस पर सुराही हो गई है

अभिज्ञान शाकुन्तलम 
मिटी ठण्डी, रजाई हो गई है 
मेरी जाँ से सगाई हो गई है 

बदन है संगमरमर सा तुम्हारा 
कमर उस पर सुराही हो गई है 

रामराज कै रहा तिरस्कृत रावणराज भले है!

देसभक्त कै चोला पहिने विसधर नाग पले है रामराज कै रहा तिरस्कृत रावणराज भले है ।। मोदी - मोदी करें जनमभर कुछू नहीं कै पाइन बाति - बाति...