11/03/2019

तुम्हारा मुल्क दहशत खा गया क्या

Wing Commander - Abhinandan
कोई पत्थर यहाँ पिघला रहा क्या 
कहो कोई कहीं से आ रहा क्या 

सुनो तो ग़ौर से क्या कह रहा है 
मेरे घर का पता बतला रहा क्या 

गए थे आबरू से खेलने तुम 
सुनाओ तो सही महंगा पड़ा क्या

 बहाया है बहुत ही ख़ून मेरा
बता जन्नत में गद्दी पा गया क्या

खिला जैसे निकल कर आ गई तुम
ज़रा देखो कमल मुरझा गया क्या

रुका हनुमान सा लंका समझकर
तुम्हारा मुल्क दहशत खा गया क्या 

तिरंगा झूमता है आसमाँ में 
मेरा भाई इसे लहरा गया क्या


तुम संग नैय्या पार करूँगा

Before - 5 year

इक तेरा चेहरा देखूँगा 
जीवन - भर दीदार करूँगा 

बहुत हुई ऐय्याशी यारा 
अब इक तुमसे प्यार करूँगा 

डूब रहा था मैं दलदल में 
देख नहीं पाता ये कल मैं 
पापों से मैं फूल चुका हूँ 
गुजरा कल मैं भूल चुका हूँ 

सबकुछ तुम्हें बताऊँगा मैं 
तनिक नहीं व्यभिचार करूँगा 

तुमको पाकर हर्षित हूँ मैं 
जीवन गतिमय विकसित हूँ मैं 
अन्धकार हटता जाता है 
अब प्रकाश तेरा आता है  

जीवन है रंगीन हमारा 
और इसे गुलज़ार करूँगा 

संकल्पित मन, वचन, कर्म से 
अपनाता हूँ एक धर्म से 
वही धर्म जो प्यार सिखाये 
मानवीय - संस्कार सिखाए 

इसी सादगी में रहकर के 
तुम संग नैय्या पार करूँगा 







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देसभक्त कै चोला पहिने विसधर नाग पले है रामराज कै रहा तिरस्कृत रावणराज भले है ।। मोदी - मोदी करें जनमभर कुछू नहीं कै पाइन बाति - बाति...