Before - 5 year |
इक तेरा चेहरा देखूँगा
जीवन - भर दीदार करूँगा
बहुत हुई ऐय्याशी यारा
अब इक तुमसे प्यार करूँगा
डूब रहा था मैं दलदल में
देख नहीं पाता ये कल मैं
पापों से मैं फूल चुका हूँ
गुजरा कल मैं भूल चुका हूँ
सबकुछ तुम्हें बताऊँगा मैं
तनिक नहीं व्यभिचार करूँगा
तुमको पाकर हर्षित हूँ मैं
जीवन गतिमय विकसित हूँ मैं
अन्धकार हटता जाता है
अब प्रकाश तेरा आता है
जीवन है रंगीन हमारा
और इसे गुलज़ार करूँगा
संकल्पित मन, वचन, कर्म से
अपनाता हूँ एक धर्म से
वही धर्म जो प्यार सिखाये
मानवीय - संस्कार सिखाए
इसी सादगी में रहकर के
तुम संग नैय्या पार करूँगा
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