27/02/2019
जोगी के भेष मा भोगी हैं
ढोंगी - बाबा |
जोगी के भेष मा भोगी हैं
खुद का वै किशन बतावथीं
रोमंटिक गाना गावत थीं
अंग्रेजी - पिक्चर वै देखैं
गोपियन का साथ देखावत थीं
पकड़ाय गएन कइयौ बाबा
देख्या नाही नम्बर आवै
पिछवाड़े पै डण्डा परिहैं
लगब्या खुद ही कूदै - फांदै
हम नहीं कुछू अब अउर सुनब
जउनै देखब हम वही कहब
सन्यासी नाहीं ढ़ोगी हैं
हाँथन मा हाँथ मिलाय रहें
चिकनी - चुपड़ी बतियाय रहें
लइकिनियौ अब पगलानि अहैं
बाबा खातिर दुबरानि अहैं
इनहू के बुद्धि मरी अहै
इनका का बोली चाड़ि अहैं
बाबा का तौ समझै चाही
उनपै समाज केतना थूकी
अब अउर कुछू ना कहि जाई
उनपै श्रद्धा न होए पाई
कामुकता के वै रोगी हैं
गोड़े पै पीठि पै डण्डा
जब परै लाग खुलगा झण्डा
सारा सन्यास उतर भागी
मूड़े पै जब सोंटा बाजी
यैह बरे अबै समझाय रहिन
दलदल छोड़ौ, गोहराय रहिन
कुछ देखौ समझौ जान लियौ
कुछ बात हमारौ मान लियौ
न कुछू बताउब, अहन निडर
बोलथिं, पूछा बहुत मगर
बोलते नाही यै घोघी हैं
गोड़े पै पीठि पै डण्डा
जब परै लाग खुलगा झण्डा
सारा सन्यास उतर भागी
मूड़े पै जब सोंटा बाजी
यैह बरे अबै समझाय रहिन
दलदल छोड़ौ, गोहराय रहिन
कुछ देखौ समझौ जान लियौ
कुछ बात हमारौ मान लियौ
न कुछू बताउब, अहन निडर
बोलथिं, पूछा बहुत मगर
बोलते नाही यै घोघी हैं
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