04/02/2019

दिल की बात निकलकर बाहर आ जाए



बातें बोलो आँख सजल कर आ जाएँ 
झूमें नाचें और सम्हलकर आ जाएँ 

इतना प्यार करो, इतनी बेचैनी दो 
दिल की बात निकलकर बाहर आ जाए 

मौका दो  उसको, पूरी आज़ादी दो 
क्या मालूम संसार बदलकर आ जाए

इतना उन्हें खिलाओ, इतनी सेवा दो
बाबा सौ वर्षों तक चलकर आ जाएँ 


मेरी माँ सामने जब हो उदासी दूर रहती है

कन्हैय्या यशोदा और देवकी के साथ 

दवा लेता हूँ अक्सर और खाँसी दूर रहती है 
मुहब्बत गर हकीकत हो तो राशी दूर रहती है 

बहुत ही याद आती है तुम्हारी अब अकेले में 
 मेरी माँ सामने हो तो उदासी दूर रहती है 

जिसे मैं चाहता हूँ हे प्रिये! मैं नाम दे बैठा
 है इस दिल में, मग़र कॉलेज से थोड़ा दूर रहती है 

रामराज कै रहा तिरस्कृत रावणराज भले है!

देसभक्त कै चोला पहिने विसधर नाग पले है रामराज कै रहा तिरस्कृत रावणराज भले है ।। मोदी - मोदी करें जनमभर कुछू नहीं कै पाइन बाति - बाति...