30/04/2019

जा मौज़ करा ई चुम्बन दिन


आलम्बन दिन उद्दीपन दिन 
जा मौज़ करा ई चुम्बन दिन 

दुई - दुई  के पाँति बंधी अहै 
आपस मा दुइनौ बिज़ी अहैं 
आँखिन मा आँख घुसेरे हैं 
चुम्मू पर वै मुँह फेरे हैं 

ओहके अब मन ललचान अहै 
कइद्या उनके अभिनन्दन दिन 

घर से सज धज के निकरे हैं 
खाना - पानी सब बिसरे हैं 
आँखिन मा लाखन ख़्वाब अहै 
हाँथन मा फूल गुलाब अहै 

कुछ के ख़ातिर ई अच्छा है 
कुछ के ख़ातिर ई लंठन दिन 

पइसा से पर्स भरे रइहा 
वै जउन कहँय ओतने करिहा 
बड़का ऊ मॉल घुमावत थीं 
रसगुल्ला चाट खवावत थीं 

कुछ हार, अँगूठी ड्रेस देइहैं 
कुछ बिंदिया चूड़ी कंगन दिन 

बातन - बातन मा प्यार बढ़ा 
मूढ़े चुम्बन त्यौहार चढ़ा 
नाचब गाउब बढ़िया होइहैं 
हमरे - तुम्हरे लरिका होइहैं 

वै दूनौ बातैं करत रहें 
हरदी माटी औ चन्दन दिन

जिस्म हमारा इक पल का, इक पल सा मैं

Lover of Mother Father & Lover.

कुछ चीजों में सच में बहुत निकम्मा हूँ कुछ चीजों में बिल्कुल गंगाजल सा मैं

मुझको मत देखो, अपनी आँखें देखो देखो चिपका हूँ उनमें काजल सा मैं

तेरी मम्मी मुझको ऐसे देख रही जैसे उनकी बिटिया का हूँ कल सा मैं

तुम बारिश हो मेरे भीतर रहती हो मैं फैला आकाश, तेरा बादल सा मैं

जब से तुमसे प्यार हुआ माँ कहती है बेटा है बदमाश बहुत, पागल सा मैं

और छनकने लगती हो तुम मेरे संग तेरे नाज़ुक पैरों का पायल सा मैं

मेरी माँ नें कठिन तपस्या की होगी तब जाकर वो पाई मुझको, फल सा मैं

नील तुम्हारे बीच हमेशा होगा पर जिस्म हमारा इक पल का, इक पल सा मैं

29/04/2019

हर जख्मों की एक दवा तेरा चुम्बन


करता ही रहता है अक्सर आलिङ्गन हर जख्मों की एक दवा तेरा चुम्बन

वो रहती है अक्सर मेरी बाहों में इससे ज्यादा क्या होगा दीवानापन

आजीवन की एक पालिशी जैसी है डूबा हूँ उसमें, वो मेरा जीवनधन

उसके चेहरे जैसा दूजा क्या होगा चौबिस घंटे लगती एक सजी दुल्हन

आओ ना घर मिलते हैं भैया भाभी फिर से हरा - भरा हो जाये घर आँगन

नील उसे जैसे देखा दिल हार गया माँ! इतनी चुम्मू है उसकी जानेमन

देखे पसन्द करके उसको मना किया


खाला का घर नहीं है जो मन हुआ किया
देखे पसन्द करके उसको मना किया 

क्या सोंचती होगी कि कहाँ कौन कमी है 
इस दौलत - ए - नाचीज़ नें क्या - क्या करा दिया 

खुद से हुई है नफ़रत उसको रुला दिया 
कुछ दिन के लिए उसको ये सिलसिला दिया 

तुम तो पढ़े लिखे हो फिर भी ये हाल है 
घर ही मना न पाये तो क्या भला किया 

मन कर रहा था उठ के तमाचा मैं खींच दूँ 
कुछ सोच - समझकर के उनको विदा किया 

तू है कहाँ छुपा हुआ ओ नील ! बेख़बर 
उसका चराग़ उसने फिर से बुझा दिया  






हर बच्चों के पा - मम्मी हों

Neel 
फल फूल रहे न चटनी हो 
जीवन भर बुक न रटनी हो 

जीवन डूबा हो मस्ती में 
न फोन रहे न पत्नी हो 

उन लोगों से बातें करना 
जिन लोगों में न गर्मी हो 

पर बिटिया देख ताक लेना 
वो शायद नहीं अधर्मी हो 

उसके कमरे में जाओ पर 
बचना की न बेशर्मी हो

तेरी आँखों की मधुशाला
मेरी आँखों में चढ़नी हो 

डी.जे फीजे से बेहतर है 
शादी में बन्ना - बन्नी हो 

इतना भी पंख पसारो मत 
जेबों में नहीं चवन्नी हो 

मौला इतना एहसान करो 
हर बच्चों के पा - मम्मी हों 

इक बारी मुझे ख़बर करना 
हे नील! जमीं जब बिकनी हो 



28/04/2019

मेरे भीतर वो बनने की लियाक़त है तो है

Neel
मेरी आँखों में गर तेरी नज़ाक़त है तो है 
परीशाँ रात - दिन करता शरारत है तो है 

मुझे कब कौन रोका है मुझे कब कौन रोकेगा 
जो तुमसे हो गई है अब मुहब्बत है तो है 

हमारे पास में खुद को बहुत महफूज़ पाती है 
मेरा कर्त्तव्य है उसकी हिफाज़त है तो है 

मुझे कुछ भी नहीं खोना मुझे कुछ भी नहीं पाना 
मगर फिर भी ख़ुदा से ये इबादत है तो है 

मुझे मालूम है यारों मेरी ताक़त का अन्दाज़ा 
मेरे भीतर वो बनने की लियाक़त है तो है 

नहीं यूँ बोलना अक़्सर, बहुत बढ़चढ़ के बोले हो 
बड़े होने से प्यारे ! ये नसीहत है तो है 


27/04/2019

उसके इक इक हिस्सों में खो जाता हूँ

उसके इक इक हिस्सों में खो जाता हूँ 
जीवन के कुछ लम्हों में खो जाता हूँ 
मैं तो अक्सर अपनों में खो जाता हूँ 

संबंधों में गाढ़ापन बढ़ता जाए 
उन पाकीज़ा रिश्तों में खो जाता हूँ 

वो अक्सर ही मिलने आया करती है 
डूबा रहता सपनों में खो जाता हूँ 

सर पर थीसिस नाच रही है ज़ोरों से 
लिखने बैठूँ, नज़्मों में खो जाता हूँ 

शहरों में सबकुछ मिलता है मिलने दो 
मैं तो गाँवों, कस्बों में खो जाता हूँ 

मुझको दी है मेरी माँ नें एक बहन 
उसके प्यारे किस्सों में खो जाता हूँ 

कई लड़कियों से देखा बातें करते 
वो कहता है, जिस्मों में खो जाता हूँ 

मेरी भी ख़्वाहिश है बीबी सजी रहे 
साड़ी, कपड़ो, गहनों में खो जाता हूँ 

रातें कैसे गुज़र रहीं मालूम नही 
उसके इक इक हिस्सों में खो जाता हूँ 

25/04/2019

बात इतनी बड़ी नहीं होती


प्यार करती, खड़ी नहीं होती 
काश वो नकचढ़ी नहीं होती 

बात बढ़ती है बात करने से 
बात इतनी बड़ी नहीं होती 




22/04/2019

कमर उस पर सुराही हो गई है

अभिज्ञान शाकुन्तलम 
मिटी ठण्डी, रजाई हो गई है 
मेरी जाँ से सगाई हो गई है 

बदन है संगमरमर सा तुम्हारा 
कमर उस पर सुराही हो गई है 

21/04/2019

मुहब्बत जिस्म का धंधा नहीं है


जहाँ में हर कोई गन्दा नहीं है 
महज़ आँखें नहीं, अन्धा नहीं है 

मुहब्बत दो दिलों का राब्ता है 
मुहब्बत जिस्म का धंधा नहीं है 

चलो बेटा अभी स्कूल जाओ 
पढ़ाई है, कोई फन्दा नहीं है 

बहुत ही खूबसूरत लिख रहा है 
मगर वो आदमी उम्दा नहीं है 

20/04/2019

तुम्हें कैसे सम्हालूँगा बताओ

सनम यूँ ही नही तुम दिल लगाओ 
नही मुझको अभी अपना बनाओ 

सम्हाले दिल सम्हलता ही नही जब 
तुम्हें कैसे सम्हालूँगा बताओ 

19/04/2019

ख़ुदा ये सब सभी को यूँ नहीं देता

जिसे जो चाहिए उसको नहीं देता 
मुहब्बत, सादगी सबको नहीं देता 

तुझे जो कुछ मिला है क़द्र कर उसकी 
ख़ुदा ये सब सभी को यूँ नहीं देता 




तुझे देखें तो मेरा नाम बुलाया जाये

Teri Parchhaiyan Jo Humsafar Hain.
तेरे चेहरे पे मेरे रूप का साया जाये 
तुझे देखें तो मेरा नाम बुलाया जाये 

कम से कम याद रखेंगे मुझे वो हर लम्हा 
दोस्ती छोड़ के, दुश्मन ही बनाया जाये 

दुखी रहूँ तो उन्हें मेरी ख़बर मत देना 
सुखी रहूँ तो मेरी माँ को बुलाया जाये 

वो जो ख़ामोश खड़े हैं सभी बच्चे बाहर 
मेरी महफ़िल में उन्हें प्यार से लाया जाये 

ज़ुस्तज़ू है मुझे उस दिन का, कि जिस दिन यारा 
तेरे घर में मुझे मेहमान बनाया जाये

तड़प रहा है मेरे सामने मेरा मौला
नील भरपेट उसे भोज कराया जाये 




  

18/04/2019

नील! तुमको चुना मुकम्मल है

काश इतना बुरा नही होता 
वक्त ये बेवफा नही होता 

उम्र लगती है नाम होने में 
कोई यूँ ही बडा नही होता 

लोग गर छेडते नही मुझको 
जंग कोई लडा नही होता 

 आदमी जिन्दगी समझते जो 
     फलसफा ही बना नही होता    

बात सुनता अगर बडों की तू 
यार ये क़हक़हा नहीं होता 

एक दूजे से प्यार न हो तो 
फालतू वास्ता नही होता

नील! तुमको चुना मुकम्मल है 
वगर्ना रास्ता नही होता 

17/04/2019

अल्लाह देखता है उससे डरें हुज़ूर

Corporate Walk With Laden
अच्छाइयों के रास्ते बढ़ते रहें हुज़ूर 
जीवन के रंगमंच पे कुछ तो करें हुजूर 

इन जंग की बातों से सुलह कर लिया जाये 
ऐसा करो न तुम मरो,न हम मरें हुजूर 

ईश्वर ने बहुत सोच के इंसान बनाया 
इंसानियत को समझें खुशियाँ भरें हुज़ूर 

दूजों को कोसना क्या हम ख़ुद को बदल लें 
ये काम यहीं करके, आगे बढ़ें हुज़ूर 

वो आग फूँकते हैं भीतर जो तुम्हारे 
खुल्ला जवाब दे दो हम क्यूँ लड़ें  हुज़ूर 

माना कि सबसे बच के लूटे हो ज़माना 
अल्लाह देखता है उससे डरें हुज़ूर 

16/04/2019

अंगारों पे चलता हूँ मैं

Neel, Kavya Moti, Harsh Bhai
बंजारों सा बढ़ता हूँ मैं 
अंगारों पे चलता हूँ मैं 

किन लोगों से डरना यारों 
सरकारों से लड़ता हूँ मैं 

टकराता हूँ चट्टानों से 
कब डरता हूँ परिणामों से 
जो भी होगा सब निश्चित है 
जो डरता है वो ही चित है 

सब सोंच - सोंच रुक जाते हैं 
आगे भविष्य गढ़ता हूँ मैं 

दीवानों सा पागलपन है 
सपनों में ही रहता मन है 
पथरीली राहों पर दौड़ू 
सबका सब मैं अपना कर लूँ 
देखे मैंने उल्लास बहुत 
देखे मैंने मधुमास बहुत 

अब खुद को भी मैं देख सकूँ 
इसलिए शिखर चढ़ता हूँ मैं 

डरना कैसा गद्दारों से 
क्या प्यार करूँ दीवारों से 
मन में जिसका भी कलरव है 
जीवन में सबकुछ संभव है 
खुद को जिसमें खुश पाओगे 
जैसा सोंचे बन जाओगे 

दूजों को पढ़ता नहीं कभी 
अक्सर खुद को पढ़ता हूँ मैं 

बंजारों सा बढ़ता हूँ मैं 
अंगारों पे चलता हूँ मैं 

किन लोगों से डरना यारों 
सरकारों से लड़ता हूँ मैं

जिसमें जाओ चरमावस्था तक जाओ

                                                         

                                                      कर्म ज्ञान औ' मोक्षावस्था तक जाओ                             
                                                       जाना है तो ब्रह्मावस्था तक जाओ 

                                                    नफ़रत, सोहरत, धर्म मुहब्बत जो भी हो 
                                                      जिसमें जाओ चरमावस्था तक जाओ 

                                                       तुम सैनिक हो लड़ना धर्म तुम्हारा है 
                                                      लड़ते - लड़ते विजयावस्था तक जाओ 

                                                         विषयों में इतनी अनुरक्ति हो जाए 
                                                        कामावस्था विरहावस्था तक जाओ

13/04/2019

शह्र में गाँव कर दिया तुमनें

पार ये नाव कर दिया तुमने 
जुल्फ़ से छाँव कर दिया तुमने 

लोग लोगों से बात करते हैं 
शह्र में गाँव कर दिया तुमनें 

12/04/2019

लोग क्यूँ वाह वाह करते हैं

Neel
लोग ख़ुद को तबाह करते हैं 
जानते हैं, गुनाह करते हैं

रात आती है चाँद तारों संग
रात को हम सियाह करते हैं

चाहता हूँ मैं बाख़ुदा जिसको
आज उससे निकाह करते हैं

घूमते हैं, बड़े नज़ाकत से
और हमपे निगाह करते हैं

ख़्वाहिश -ए - पूर्णिमा की है उनको
हम अमावस की चाह करते हैं

जुर्म के बाद था अदालत में
लोग फिर भी गवाह करते हैं 

बोलता हूँ फ़िजूल ही यारों 
लोग क्यूँ वाह वाह करते हैं



11/04/2019

प्रेम शिव हैं, निशान काशी में

Kashi, Banaras,Varanasi
ईश शव औ' मशान काशी में 
रोज सुनता अज़ान काशी में 

 केरला में महज़ बदन मेरा 
घूमता है धियान काशी में 

एक ही घाट पर दिखे दोनों 
ईश,अल्ला महान काशी में 

पाठ करते बटुक ऋचाओं का 
वेद, गीता, पुराण काशी में 

सुब्ह से शाम तक महादेवा 
गूँजती है जुबान काशी में 

एक मैं ही यहाँ अकेला हूँ 
और सारा जहान काशी में

ख्वाहिशें हैं नहीं बहुत मेरी
चाहता इक मकान काशी में 

प्रेम पाकीज़गी में दिखता है 
प्रेम शिव हैं, निशान काशी में

" केरला में महज़ बदन मेरा " का मतलब ये बिल्कुल नहीं है की मैं केरला पसन्द नहीं करता केरला मुझे बहुत पसन्द है यहाँ के लोग, यहाँ की प्राकृतिक सुन्दरता, यहाँ की उदारता पर कुछ मामलों को लेकर स्वार्थी होना पड़ता है महादेव की ख़ातिर ।


प्रोफ़ेसर हो समदर्शी व्यवहार करो

3 Idiot - Google
बीती बातों को किस्सों में मत देखो 
देखो अपना, सब हिस्सों को मत देखो 

प्रोफ़ेसर हो समदर्शी व्यवहार करो 
बस अपने अपने शिष्यों को मत देखो 

मतदान

Google
आये थे माँगने, सर पैर किये, दान दिया
आज फिर से मैं अपना वोट ये कुर्बान किया 

सोंचकर फिर यही कि कुछ न कुछ नया होगा 
आज पत्थर रखा सीने पे फिर मतदान किया 

तुम्हें जीवन बना लिया हूँ मैं

Neel - Teri Parchhaiyan Jo Humsafar Hain.
आज लो मन बना लिया हूँ मैं 
आज चिलमन हटा लिया हूँ मैं 

होंठ पे रंग लगा के, रंगों से 
और भी रंग बना लिया हूँ मैं 

आज क़ातिल अदाएँ देखूँगा 
आज दर्पण लगा लिया हूँ मैं  

इश्क आबाद करेगा मुझको 
सोंचकर संग बना लिया हूँ मैं 

एक पूरी ग़ज़ल समूची तुम 
तुम्हें जीवन बना लिया हूँ मैं

मुझको मेरा कल दो ना

Google
पापा पापा फल दो ना 
थोड़ा सा सम्बल दो ना 

मुझको भी पढ़ना लिखना है 
मुझको मेरा कल दो ना

मुझको भी कुछ करना है 
भइया जैसा बनना है 
आँखमिचौली नहीं खेलना 
मुझको आगे बढ़ना है 

मैं भी उड़ना सीखूँगी  
मुझको जीवनजल दो ना 

मुझको क्यूँ कमजोर समझते ?
मुझसे क्यूँ बातें न करते ?
सामाजिक बदलाव करेंगे 
सबमें हम समभाव भरेंगे 

मेरे प्रश्नों से क्यूँ चुप हो 
आखिर कुछ तो हल दो ना 

10/04/2019

होंठ पर होंठ रख दिया रब्बा

Google
आज चमका गया फिज़ा रब्बा 
झूमते लोग जा ब जा रब्बा 

कई सालों के बाद आया है 
मेरे घर पर मेरा ख़ुदा रब्बा 

हाँथ में चीख रहा था भाई 
बोलकर चल दिया विदा रब्बा 

बोलना था मुझे बहुत कुछ पर  
होंठ पर होंठ रख दिया रब्बा 

जिससे उम्मीद थी रफ़ीक़ी की 
क़त्ल कर के फँसा गया रब्बा 

ढूढंता हूँ दरख़्त सपनों में 
सामने कुछ नहीं बचा रब्बा 

चाँद तक लोग आ गए लेकिन 
गाँव उनको नहीं दिखा रब्बा 

देखता हूँ जहाँ में तन्हाई 
गा रहा हूँ मैं मर्सिया रब्बा 


जा ब जा - जगह जगह 
रफ़ीक़ी - दोस्ती 
दरख़्त - पेड़ 

09/04/2019

मुसलमाँ हूँ , हमारी ईद है वो

Google
मुकम्मल पाक सी तहज़ीब है वो 
खुदा की दी हुई ताबीज़ है वो 

उसी को देखना उसकी नज़र से 
मुसलमाँ हूँ , हमारी ईद है वो 

कभी देखा नहीं उसको अभी तक 
मेरे जीवन की पहली दीद है वो 



तुम आई हो मेरे जीवन में मेरे यार के जैसी

Dhadak - Google
किसी पतवार के जैसी, किसी मल्हार के जैसी 
तुम आई हो मेरे जीवन में मेरे यार के जैसी 

मेरे घर - द्वार के जैसे, किसी परिवार के जैसे 
तुम आये हो मेरे जीवन में इक संसार के जैसे 

सुबह से शाम तक घूँमूँ  
हुआ पागल तुम्हें ढूँढूँ 



चमकता चाँद सा चेहरा किसी रुख़्सार के जैसे 

मेरी साँसों में घुलते हो 
मेरे सपनों में मिलते हो  
जहाँ देखूँ, जहाँ जाऊँ 
हमारे साथ चलते हो 
हमारे जिस्म से जाकर 
हमारी रूह छूते हो 

मेरी धड़कन धड़कती है किसी झनकार के जैसे 

अभी तक मुन्तज़िर था मैं 
अभी शायद मुनव्वर हूँ 
जमीं की ख़्वाहिशें समझूँ 
मुकम्मल एक अम्बर हूँ 
तड़प देखा तुम्हारी मैं 
बरसना चाहता हूँ अब 

तुम्हें बस देखता जाऊँ तेरे दीदार के जैसे 

तुम्हीं बोलो कहाँ गुम हो 
तसव्वुर में तुम्हीं तुम हो 

मेरे जीवन में आ जाओ मेरे अधिकार के जैसे 

अभी तो है बहुत थोड़ा 
मुझे छू लो करो पूरा 

मुझे अपना बनाओ तुम मेरे सरकार के जैसे 










08/04/2019

कविता, पुस्तक और तुम


यादें कितनी खूबसूरत 
होती हैं, मालूम है तुम्हें  

तुम्हारी यादें कल बीजरूप में 
पनपी और कविताएँ बनी 

धीरे धीरे बढ़ी, बढ़ती गई 
और इतना बढ़ गई 
कि आज फसलरूपी पुस्तक 
तुम्हारे सामने है 

इसे उठाओ, पढ़ो 
और देखो 
मेरी नजरों से कितनी खूबसूरत दिखती हो 

शायद वो खूबसूरती नहीं 
दिखा पाए कोई भी दर्पण तुम्हें 

तुम्हारी दी हुई कला 
 नहीं मालूम 
मुझे कहाँ तक लेके जाएगी 
लेकिन हाँ अभी तक जो भी पाया हूँ
जहाँ भी हूँ सच बहुत खुश हूँ  





तुमसे जो लागी दिल की प्रीत रे

Arjit Singh
तुमसे जो लागी दिल की प्रीत रे 
दिल से निकल आया गीत रे 

मैं हूँ तुम्हारा और तुम मेरे 
हो सुरमयी सी संगीत रे 


जीने लगा दिल आजकल तुम्हें 
दिल की हुई है मुझपे जीत रे 



है ये मुहब्बत और कुछ नहीं 
लगता जहाँ है मनमीत रे 

वेदों का मैं गुणगान करूँ


जीवन का दर्शन मैं गाऊँ 
वेदों का मैं गुणगान करूँ 

जिसमें है सारतत्त्व सारा 
उस गीता का मैं ध्यान करूँ 

व्याकरण कल्प ज्योतिष शिक्षा 
नैरुक्त छ्न्द वेदांग जहाँ 
तुम ही बोलो वो कौन देश 
इतना पवित्र है ज्ञान कहाँ 

इसलिए गर्व है भारत पर 
इसका दिल से सम्मान करूँ 

किसी को तोलना अच्छा नहीं है

भाई - भाई 

                                                          विषय सब खोलना अच्छा नहीं है 
किसी को तोलना अच्छा नहीं है 

कोई गलती हुई हो तो बताओ 
युँ ही ना बोलना अच्छा नहीं है 

खुदा को बोलते हो साफ बोलो 
खुदा को घोलना अच्छा नहीं है 

मुहब्बत हो गई हो तो सही है 
मुहब्बत खोजना अच्छा नहीं है 


07/04/2019

मोदी जी का ये अभियान

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मोदी जी का ये अभियान

चलो आज गंगा चलते हैं 
वहीं पाप अपने मलते हैं 
साबुन ले लो सैम्पू ले लो 
कूद - कूद कचरा करते हैं 
चलो वहाँ कुछ खेल भी लेना 
पॉलीथिन में तेल भी लेना 
मूतो और हगो भी इसमें 
बालों वाला जैल भी लेना 
चलो वहाँ कन्याएँ होंगी 
नई नई बालाएँ होंगी 
चड्डी देखो बॉडी देखो 
उसके होंठ गुलाबी देखो 
और नहीं कुछ देख सके तो 
बाजू वाली भाभी देखो 

ये पकते गंगा में ज्ञान 

शौचालय को फोड़ दिए हैं 
डस्टविन को तोड़ दिए हैं 
चलो कहीं पे घूम के आयें 
तम्बाकू मल झूम के खायें 
पिच्च - पिच्च हैं थूंके उसमें 
ट्रेन में खुलकर शोर मचाएँ 
ओये मूँगफली दे देना 
चटनी ज़रा बढ़ा के देना 
फोड़ - फोड़ के खाएँ कैसे 
छिलका वहीं बहायें कैसे 
बिना टिकट के सफर किये हैं 
भाषण में दोपहर किये हैं 
नेता मंत्री चोर हैं साले 
किसी शहर के गंदे नाले 
पूरी संसद आज उतरती 
ऐसे लोगों में आ रूकती 

ऐसे भी हैं लोग महान 

कभी पक्ष में नहीं रहेंगे 
तनिक कष्ट भी नहीं सहेंगे 
जितना चाहे कार्य करो तुम 
एक कार्य भी नहीं कहेंगे 
बस दोषों को गिनना इनको 
नहीं कभी कुछ करना इनको 


देखता था ख़्वाब सारी जिन्दगी

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देखता था ख़्वाब सारी जिन्दगी 
हो गई बर्बाद उसकी जिन्दगी 

जिन्दगी में एक गलती की महज़ 
और पश्चाताप सारी जिन्दगी 




06/04/2019

मेरा क्या और तेरा क्या

नील 
सबका सबकुछ मान ले बन्दे मेरा क्या और तेरा क्या 
जीवन जीना जान ले बन्दे मेरा क्या और तेरा क्या।।


04/04/2019

तुम्हारा नाम जपती हैं, भरे संसार में मोहन

साभार - गूगल 
भ्रमर गुंजार करते हैं तुम्हारे बाग़ में मोहन। 
परीशाँ गोपियाँ घूमें तेरे दीदार को मोहन 

भटकती राधिका प्यारी सुबह से कुछ नहीं खाई 
दिल - ए - गुलज़ार करती हैं तुम्हारे प्यार में मोहन

वो खुद को भूल बैठी हैं, तुम्हें वो चाहती इतना 
तुम्हारा नाम जपती हैं, भरे संसार में मोहन 

लुटाती हैं दिल - ए - ख्वाहिश, चमन में खुशबुओं जैसे 
लजाती हैं बहुत तुमसे नयनव्यापार में मोहन

तुम्हीं सम्बल, तुम्हीं ताकत, तुम्हीं हो जिन्दगी उनकी 
तुम्हीं पे हैं निछावर वो, तेरी सरकार में मोहन 

01/04/2019

मैं अपने जैसों कि ख़ातिर लिखता हूँ


जब जब प्यार मुहब्बत आख़िर लिखता हूँ 
अक्सर ये सब तेरी ख़ातिर लिखता हूँ 

तुम लिखते होंगे विद्वानों के ख़ातिर 
मैं अपने जैसों कि ख़ातिर लिखता हूँ 

बाबा कि गोद में हुए जीवन सफल हुआ

My nephew with My GrandFather.
किस्मत तुम्हारी है मेरे बेटे कि आज तुम 
बाबा कि गोद में हुए जीवन सफल हुआ 

नीलेन्द्र शुक्ल " नील "

रामराज कै रहा तिरस्कृत रावणराज भले है!

देसभक्त कै चोला पहिने विसधर नाग पले है रामराज कै रहा तिरस्कृत रावणराज भले है ।। मोदी - मोदी करें जनमभर कुछू नहीं कै पाइन बाति - बाति...