06/10/2018

महज़ दिखाना लगा रहा

Neel

झूठी - मूठी इस दुनिया का
ताना - बाना लगा रहा

शानों - शौकत में खोए थे
महज़ दिखाना लगा रहा

मक्कारी बेमानी चार सौ बीसी
सबकी दिखती है
कुछ कह के देखो इनको
बत्तीसी सबकी दिखती है

खींच - तान के इधर - उधर से
महज़ कमाना लगा रहा

लड़की - लड़कों की बातें
दिन भर बतियाया करते हैं
मैडम के छत आते ही
सर भी छत आया करते हैं

इधर - उधर की बातों में
बस समय बिताना लगा रहा

बेवकूफ है इंकलाब का नारा
लेकर क्या होगा
क्या गीता , क्या भारत
चाँद - सितारा लेकर क्या ह

तू पीछे रह गया " नील "
ये गज़ब जमाना लगा रहा 

रामराज कै रहा तिरस्कृत रावणराज भले है!

देसभक्त कै चोला पहिने विसधर नाग पले है रामराज कै रहा तिरस्कृत रावणराज भले है ।। मोदी - मोदी करें जनमभर कुछू नहीं कै पाइन बाति - बाति...