24/10/2018

प्रेम



चलो अब शान्त होते हैं 
उन कहकशाओं में कि 
जहाँ से न तुम इस बेसुर्ख़ धरती पे आओ 
और न ही मैं 
उड़ चलते हैं 
अंतरिक्ष में। 

रामराज कै रहा तिरस्कृत रावणराज भले है!

देसभक्त कै चोला पहिने विसधर नाग पले है रामराज कै रहा तिरस्कृत रावणराज भले है ।। मोदी - मोदी करें जनमभर कुछू नहीं कै पाइन बाति - बाति...