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08/04/2019
09/02/2019
तेरे ना होने से होना मेरा कहाँ
तेरे ना होने से होना मेरा कहाँ
तेरे ना होने से होना मेरा कहाँ
लेकर चलना मुझे भी तू जाए जहाँ
तेरे ना होने से होना मेरा कहाँ
तुमको पलकों पे रखा हूँ शाम ओ सहर
दिल में उठती तरंगें हैं , उठती लहर
नीदें मेरी चुराने की क्या दूँ सज़ा
दिल की धड़कन बढ़ाती है तू आजकल
संग - संग रहना मेरे साथी तू साथ चल
रखना मुझको भी हमदम, रहना जहाँ
मैं गुज़रा हुआ ज़माना हूँ
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तुम मुझे भुला ना पाओगी
मैं किस्सा बहुत सुहाना हूँ
मैं सदा तुम्हें याद आऊँगा
मैं गुज़रा हुआ ज़माना हूँ
फिर से आओ संसार - जियें
फिर से आओ इक साथ चलें
फिर नदियों में कलकल हो
फिर से मन में कुछ हलचल हो
मुझपे थोड़ा विश्वास करो
फिर से आओ आगाज़ करो
कल तक जो साथ तुम्हारे था
देखो तो वही खज़ाना हूँ
जब तक हम दोनों संग - संग हैं
तब तक ये चाँद सितारे हैं
जब तक संगम हम दोनों का
बस तब तक ही ये प्यारे हैं
अब पास महज़ कुछ यादें हैं
जीवन की यही मुरादें हैं
फुर्सत हो तो, आ जाना तुम
मैं बन्दा वही पुराना हूँ
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