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08/04/2019

तुमसे जो लागी दिल की प्रीत रे

Arjit Singh
तुमसे जो लागी दिल की प्रीत रे 
दिल से निकल आया गीत रे 

मैं हूँ तुम्हारा और तुम मेरे 
हो सुरमयी सी संगीत रे 


जीने लगा दिल आजकल तुम्हें 
दिल की हुई है मुझपे जीत रे 



है ये मुहब्बत और कुछ नहीं 
लगता जहाँ है मनमीत रे 

वेदों का मैं गुणगान करूँ


जीवन का दर्शन मैं गाऊँ 
वेदों का मैं गुणगान करूँ 

जिसमें है सारतत्त्व सारा 
उस गीता का मैं ध्यान करूँ 

व्याकरण कल्प ज्योतिष शिक्षा 
नैरुक्त छ्न्द वेदांग जहाँ 
तुम ही बोलो वो कौन देश 
इतना पवित्र है ज्ञान कहाँ 

इसलिए गर्व है भारत पर 
इसका दिल से सम्मान करूँ 

09/02/2019

तेरे ना होने से होना मेरा कहाँ



तेरे ना होने से होना मेरा कहाँ 
तेरे ना होने से होना मेरा कहाँ 

लेकर चलना मुझे भी तू जाए जहाँ 
तेरे ना होने से होना मेरा कहाँ 

तुमको पलकों पे रखा हूँ शाम ओ सहर 
दिल में उठती तरंगें हैं , उठती लहर 
नीदें मेरी चुराने की क्या दूँ सज़ा 

दिल की धड़कन बढ़ाती है तू आजकल 
संग - संग रहना मेरे साथी तू साथ चल 
रखना मुझको भी हमदम, रहना जहाँ 


मैं गुज़रा हुआ ज़माना हूँ

Google 

तुम मुझे भुला ना पाओगी 
मैं किस्सा बहुत सुहाना हूँ 

मैं सदा तुम्हें याद आऊँगा 
मैं गुज़रा हुआ ज़माना हूँ  

फिर से आओ संसार - जियें 
फिर से आओ इक साथ चलें 
फिर नदियों में कलकल हो 
फिर से मन में कुछ हलचल हो 
मुझपे थोड़ा विश्वास करो 
फिर से आओ आगाज़ करो 

कल तक जो साथ तुम्हारे था 
देखो तो वही खज़ाना हूँ 

जब तक हम दोनों संग - संग हैं 
तब तक ये चाँद सितारे हैं 
जब तक संगम हम दोनों का 
बस तब तक ही ये प्यारे हैं 
अब पास महज़ कुछ यादें हैं 
जीवन की यही मुरादें हैं 

फुर्सत हो तो, आ जाना तुम 
मैं बन्दा वही पुराना हूँ 


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देसभक्त कै चोला पहिने विसधर नाग पले है रामराज कै रहा तिरस्कृत रावणराज भले है ।। मोदी - मोदी करें जनमभर कुछू नहीं कै पाइन बाति - बाति...