29/09/2018

मुबारक हो तुझे रमजान तेरा

Neel
बहुत ही हो रहा सम्मान तेरा
किताबों से बढ़ा अभिमान तेरा

स्वयं की आत्मा को जान ले तू
यही सबसे बड़ा है ज्ञान तेरा

हकीकत की जमीं पर देख आके
सफल हो जाएगा अभियान तेरा

लड़ाई धर्म है तो छोड़ता हूँ
बहुत खतरे भरा परिणाम तेरा

गले मिलते रहो इक दूसरे से
मुबारक हो तुझे रमजान तेरा

निकलता ही नही है देखने को
बहुत ही क्रूर है भगवान तेरा




26/09/2018

बगल बैठल हँई भइया के साली

Neel
कहानी आ रहल बा प्रेम वाली 
चटक चेहरा पे दमके होंठ - लाली 

हँसावेली करेली गुदगुदी ऊ 
बगल बैठल हँई भइया के साली 

लगे सूरुज नियन हम का बताई
चोंधावता सुनहली कान - बाली

भँवर के काम हौ मड़राइ हैं सन
कहा कब ले बचाई फूल - माली 

नहीं मन दोस्तन के बिन लगेला 
कि जब तक होय ना दू - चार गाली 

चलल बाड़न उहौ अब राज थाम्हें
हवन राजा मगर दिमाग खाली 

बहुत मन खुश भइल बा आज हमरो
हमर माई जे खइली भर के थाली


कदम बढ़ते हैं मेरे पर मेरा मन बढ़ नही पाता

Neel
बहुत डरता हूँ मैं ऊँचाइयों पर चढ़ नही पाता 
बनाना चाहता हूँ मैं बहुत पर गढ़ नही पाता 

मेरा दीमाग खाली है मैं औरों को पढूँगा क्या
मैं जितना चाहता हूँ खुद को उतना पढ़ नही पाता 

सुनो पापा! न जाने डर कहाँ से आ गया भीतर 
कदम बढ़ते हैं मेरे पर मेरा मन बढ़ नही पाता 

नदी चुपके से आ पूछी समन्दर क्यों उछलता है 
नदी ! सुन बिन तेरे मैं भी किसी से लड़ नही पाता 

पता मेरा कोई आवाज मुझसे पूछती अक्सर
बताना चाहता हूँ मैं, मगर वो घर नही पाता 

25/09/2018

उन्हें कह दो भरम ये सच नहीं है

Me With My Heart
हमारे पास यारों कुछ नही है 
उन्हें जो चाहिए सचमुच नहीं है 

वो कहती हैं उन्हें मैं देखता हूँ
उन्हें कह दो भरम ये सच नहीं है 

बहुत से लोग अब भी सो रहे हैं 
कोई हमदर्द या रक्षक नही है 


24/09/2018

हिजड़े जनम लिए हैं हिन्दोस्तान में

Neel
आती नहीं है नींद उन्हें इस मकान में 
वो घर बनाने जा रहे हैं आसमान में 

गैरों से कभी हमको मुहब्बत नही हुई 
अपना कोई नही था मेरा इस जहान में 

कैसे भला पूरी हों मनोकामनाएँँ आज 
सेल्फी सहित हैं लोग अब पूजा - अज़ान में

लोगों में जिसे खोजता रहा मैं आज तक 
वो सच सही दिखा मुझे जाकर श्मशान में

डर - डर के जिए जा रही हैं नारियाँँ यहाँ
हिजड़े जनम लिए हैं हिन्दोस्तान में 

22/09/2018

शुभ जन्मदिन तुम्हारा, ये जन्मदिन तुम्हारा


Shraddha
शुभ जन्मदिन तुम्हारा, ये जन्मदिन तुम्हारा
शुभ जन्मदिन तुम्हारा, है जन्मदिन तुम्हारा 

ऐसे प्रगति का परचम लहराओ प्यारा - प्यारा
शुभ जन्मदिन तुम्हारा, ये जन्मदिन तुम्हारा 

डरना नही किसी से , न भयभीत कभी हो 
जिस राह पे बढे़ तू बस जीत तेरी हो 
कठिनाइयों मेंं बढ़ना है कर्मदिन तुम्हारा 

शुभ जन्मदिन तुम्हारा, ये जन्मदिन तुम्हारा 
शुभ जन्मदिन तुम्हारा, है जन्मदिन तुम्हारा 

तुम जो भी हो जैसे भी हो मुझको भले लगे
सब नेक आदमी हों जो भी तुम्हें मिलें
इन्सानियत को पढ़ना है मर्मदिन तुम्हारा 

शुभ जन्मदिन तुम्हारा, ये जन्मदिन तुम्हारा 
शुभ जन्मदिन तुम्हारा, है जन्मदिन तुम्हारा 

खुशियाँ बटोर लो सब , उल्लास मनाओ 
आशीष लो बड़ो से छोटों को सिखाओ 
करना भजन जरा सा है धर्मदिन तुम्हारा 

शुभ जन्मदिन तुम्हारा, ये जन्मदिन तुम्हारा 
शुभ जन्मदिन तुम्हारा, है जन्मदिन तुम्हारा 
ऐसे प्रगति का परचम लहराओ प्यारा - प्यारा
शुभ जन्मदिन तुम्हारा, ये जन्मदिन तुम्हारा 

पंख नहीं कतरो मुझको उड़ जाने दो

Nandiny Y
पंख नहीं कतरो मुझको उड़ जाने दो
भइया मुझको सपनों से जुड़ जाने दो

जितनी कठिनाई आएँगी सह लूंगी मैं
हवा तेज बहनें दो संग - संग बह लूंगी मैं

रोकों मत मुझको सबसे लड़ जाने दो

सबपे वार करूंगी सबको देखूंगी मैं
उठकर - गिरना गिरकर - उठना सीखूंगी मैं

मुझको ऊँँचे पर्वत पर चढ़ जाने दो

जग को दिया दिखाऊँँ जग रौशन कर जाऊँँ
किसी के सपनों का मैं घर - आँँगन बन जाऊँँ

ऐसे ही इन राहों पे बढ़ जाने दो

पंख नहीं कतरो मुझको उड़ जाने दो
भइया मुझको सपनों से जुड़ जाने दो

कुछ खोना पड़ेगा तुम्हें कुछ पाने कि खातिर

Neel
कुछ खोना पड़ेगा तुम्हें कुछ पाने कि खातिर
दुनिया को दिखा सच उन्हें समझाने कि खातिर


इतना नहीं अमीर कि खुशियाँँ तुझे मिले
खुशियाँँ तुझे मिले कि ये दुनिया तुझे मिले

तुमको मैं साथ रखता हूँँ जी पाने कि खातिर

दुख में दिखे हैं लोग न जाने क्यूं इस कदर
मिलना - बिछड़ना सत्य है जीवन है इक सफर

ऐसे न जनम ले यहाँँ मर जाने कि खातिर

ये लोग एक हों करें इक - दूजे का सहयोग
जब तक रहूँँ, जहाँँ रहूँँ, हंसते ही रहें लोग

जीवन मिला है खुशियों को फ़ैलाने कि खातिर

पागल हूँँ मैं मूरख नहीं आता है मुझे कुछ
जादू दिखा कोई के चमक जाऊँँ मैं सचमुच

तुम साथ रहो मन मेरा बहलाने कि खातिर

कुछ खोना पड़ेगा तुम्हें कुछ पाने कि खातिर

दुनिया को दिखा सच उन्हें समझाने कि खातिर
कुछ खोना पड़ेगा तुम्हें कुछ पाने कि खातिर

20/09/2018

मुहब्बत है , किसी के बाप की जागीर थोड़ी है

Neel

जफ़र कोई नहीं ,ग़ालिब यहाँ अब मीर थोड़ी हैं
जो उसनें लिख रखी उतनी मेरी तकदीर थोड़ी है

खुले दिल से सभी के सामने भर - भर लुटाऊँगा
मुहब्बत है , किसी के बाप की जागीर थोड़ी है

हुआ है क्या तुम्हें क्यों आजकल दहशत में दिखते हो
उठाया लेखनी हूँ ये कोई शमशीर थोड़ी है

तुम्हें बदला करूँ इसकी कभी नौबत नहीं आती
हमारे दिल में मूरत है ,कोई तस्वीर थोड़ी है

बहुत ही ख़ूबसूरत हैं इन्हें काजल लगा के रख
तेरी आँखें समन्दर हैं ये खञ्जर ,तीर थोड़ी हैं

मेरी बहना बनाकर रेशमी धागा मुझे बोली
बँधा लो ये कवच है कोई ये जंजीर थोड़ी है

भरम को छोड़ दे अपने कयासों को बचाकर रख
महज़ तू " नील " है शहरूख़ या रणवीर थोड़ी है 

किसी माँ बाप के सर बेटियाँ भारी नहीं होती

Daughters Day

मुहब्बत में तुम्हारे गर अदाकारी नहीं होती
सही कहता हूँ हम दोनों में यूँ यारी नहीं होती

इशक के नाम पर बकवास करते लोग अक्सर हैं
मुहब्बत की तनिक उनमें समझदारी नहीं होती

नहीं छेड़ो युँही इन माँओं बहनों प्रेमिकाओं को
हमारे घर की हैं इज्ज़त ये सरकारी नहीं होती

सुनो मारो नहीं इनको जनम लेने से पहले तुम
किसी माँ बाप के सर बेटियाँ भारी नहीं होती

छुपाकर बेटियों को मैं रखूँ कातिल जमाने से
मगर मजबूर हूँ ऐसी भी अलमारी नहीं होती

सुबह उठकर मेरी दादी निकलती फूल चुनने को
अहद !मेरे जमाने में तो फुलवारी नहीं होती 

16/09/2018

छोड़कर तुमको नहीं जाऊँगा मैं उस पार बहना

Stop Rape

छोड़कर तुमको नहीं जाऊँगा मैं उस पार बहना
वहसियों से भर गया है ये भरा संसार बहना

यातनायें जो मिलेंगीं हम सहेंगें साथ में
पर नहीं होंगे अकेले हम जियेंगें साथ में
हों भले दो - चार रोटी उसमें भी सूखी सही
भूख थोड़ी तो मिटेगी एक दिन भूखी सही

भूख में जीना कठिन पर ,छोड़ना दुश्वार बहना

कंपकपांता हूँ ,अकेले भेजकर तुमको सदा
प्रार्थना करता हूँ मैं नित, हों नहीं हम तुम जुदा
क्या कभी डरते नहीं दिखती नहीं मूरत उन्हें
क्या कभी दिखती नहीं मासूम सी सूरत उन्हें

कौन किस पल क्या करेगा किसका क्या आचार बहना

मर मिटूँगा छोड़कर तुम यूँ चली जाओगी तो
जिन्दगी की रौशनी तुम यूँ मिटा जाओगी तो
प्यार से होती लड़ाई पास जब रहता हूँ मैं
ये कलाई सूनी रह जाँएगी सच कहता हूँ मैं

व्यर्थ हो जायेगा ये रक्षा का शुभ त्यौहार बहना

इस धरा रखते कदम ही खा गये वहसी उसे
एक छोटी सी परी थी ले गये रहसि उसे
और फिर क्या - क्या हुआ मैं कह नहीं पाऊँगा सब
खून मेरा खौलता है याद आ जाती है जब

सोंच भी सकता नहीं मैं क्रूर वो व्यापार बहना

शब्द से मैं क्या कहूँगा वो घनी पीड़ा मगर
शून्य हो जाता हूँ  मैं आँसू निकलते फूटकर
सोंचता हूँ कौन से स्वातंत्र्य हैं हमको मिले
पूँछता हूँ कौन से संस्कार में हैं हम पले

ये वही भारत जहाँ पलते बहुत संस्कार बहना

छोड़कर तुमको नहीं जाऊँगा मैं उस पार बहना
वहसियों से भर गया है ये भरा संसार बहना

  

डरना छोड़ो, लड़ना सीखो


Salutations

जीवन की हर विषम परिस्थिति में
प्यारे कुछ करना सीखो ,
डरना छोड़ो, लड़ना सीखो

एक - एक कर ख़त्म हुए सब
जहाँ से जो थे गये वहाँ सब
आग लगे या पत्थर बरसें
तूफानों में बढ़ना सीखो

जीवन की हर ........

मन को सदा जिताकर रखो
इन्द्रिय को समझाकर रखो
जितनी ऊँची रहे चढ़ाई
उस चोटी पे चढ़ना सीखो

जीवन की हर ........

अपनों को समझाते जाओ
ग़ैरों को अपनाते जाओ
अभिमानी आदत छोड़ो अब
ज़रा मुहब्बत करना सीखो

जीवन की हर ........

आओ युवा शक्तियों आओ
जीवन में अनुशासन लाओ
भारत को इक नई दिशा दें
उस साँचे में ढ़लना सीखो

जीवन की हर विषम परिस्थिति में
प्यारे कुछ करना सीखो ,
डरना छोड़ो, लड़ना सीखो






15/09/2018

तुमको आगे आना होगा


जहाँ कहीं मन रोंके तुमको
तुमको उसे मनाना होगा

जीवन की हर कठिनाई में
तुमको आगे आना होगा

जहाँ शराबों और शबाबों में
मदमस्त युवा हो जाएँ
जहाँ गली ,चौराहे नुक्क्ड़ का
हर खेल जुआ हो जाए

ऐसे वर्तमान को स्वामी
दिशा दिखाने आना होगा

जहाँ कहीं मन ........

बढ़ो अकेले ,साथ न हो जब
रुको मनन , चिन्तन के ख़ातिर
अंधेरों में दीप जलाओ
मिटते अन्धकार हैं आख़िर

उठो , बढ़ो इन लोगों से अब
तुमको देश बचाना होगा

जहाँ कहीं मन.........

होगा ये जग रौशन तुमसे
ऐसी सोंच बनाकर रखो
धीरे - धीरे तजो बुराई
अच्छाई अपनाकर रखो

ऐसे ही इस जीवन को कुछ
आत्मबोध सिखलाना होगा

जहाँ कहीं मन रोंके तुमको
तुमको उसे मनाना होगा

जीवन की हर कठिनाई में
तुमको आगे आना होगा

07/09/2018

राग - द्वेष विमुक्त नही हूँ

Neel

नही कोई ज्ञानी - ध्यानी हूँ
राग - द्वेष विमुक्त नही हूँ

जब से मेरा जन्म हुआ है
व्यक्त हूँ मैं, अव्यक्त नही हूँ

मुझे हर जगह भेद दिखे है
सुखद - दुखद परिवेश दिखे है
यथाशक्ति सब देखूँ - समझूँ
किसी का अन्धा भक्त नही हूँ

नही कोई ज्ञानी - ध्यानी हूँ
राग - द्वेष विमुक्त नही हूँ

रक्षक , कृषक , गरीबों का हूँ
इस धरती भारत माँ का हूँ
मरते हुए उन्हीं देवों की
साँस बनूँ मैं रक्त नही हूँ

नहीं कोई ज्ञानी - ध्यानी हूँ
राग - द्वेष विमुक्त नही हूँ

भूत - प्रेत चण्डाल के जैसे
है मन महाकाल के जैसे
मुझसे इतना नही डरो तुम
इतना भी मैं सख़्त नहीं हूँ

नहीं कोई ज्ञानी - ध्यानी हूँ
राग - द्वेष विमुक्त नही हूँ

खुद को मुझ तक लाकर देखो
अपना मुझे बनाकर देखो
जीवन अर्पित कर दूँगा बस
बैठा हूँ मैं , मैं पस्त नही हूँ

नहीं कोई ज्ञानी - ध्यानी हूँ
राग - द्वेष विमुक्त नही हूँ

जब से मेरा जन्म हुआ है
व्यक्त हूँ मैं , अव्यक्त नही हूँ ।

06/09/2018

नज़र कैसे मिलाऊँ मैं

Give Me Right Path...

मेरे अन्दर छुपा है क्या
तुम्हें कैसे दिखाऊँ मैं

नज़र के सामने हो तुम
नज़र कैसे मिलाऊँ मैं

मेरे अन्दर .......

बहुत ही सुर्ख़ - आरिज़ हैं
सुनो इस वक्त बारिश है
नही जाओ युँ ही बाहर
मेरी कुछ और साजिश है

तुझे देखूँ , तुझे सोंचूँ
तुझे खुद में ही पाऊँ मैं

मेरे अन्दर ......

हया अपनी हटाओ तुम
मुझे साक़ी पिलाओ तुम
ज़रा रुख़्सार को अपने
हमारे पास लाओ तुम

गुलाबी - होंठ से तेरे
ये लब कैसे मिलाऊँ मैं

मेरे अन्दर ......

बहुत ही खूबसूरत है  बनाया
तुमको कुदरत नें
हमारे दिल में इक हलचल
मचा रखी है क़ुर्बत नें

मेरा मन हर घड़ी कहता
तुम्हें दुल्हन बनाऊँ मैं

मेरे अन्दर ......

मेरे अन्दर छुपा है क्या
तुम्हें कैसे दिखाऊँ मैं

नज़र के सामने हो तुम
नज़र कैसे मिलाऊँ मैं 

आकाश में उड़ जाने दे

Akash & Neel

उड़ जाने दे उड़ जाने दे
आकाश में, उड़ जाने दे

जुड़ जाने दे जुड़ जाने
मुझको हवा संग जुड़ जाने दे

कुछ स्वप्न हैं कुछ ख्वाब हैं
हर पल यहाँ इक आप हैं
इस राह में बेचैन हूँ
उस राह में मुड़ जाने दे ....

उड़ जाने दे उड़ जाने दे
आकाश में , उड़ जाने दे

कर दे मुझे आजाद तू
न कर मुझे बर्बाद तू
वो मञ्जिलें हैं , मञ्जिलें
मुझको उधर बढ़ जाने दे

उड़ जाने दे उड़ जाने दे
आकाश में, उड़ जाने दे

है लक्ष्य बस मेरा यही
तू साथ दे सब है सही
लम्बा सफर ऊँची डगर
हर हाल में चढ़ जाने दे

उड़ जाने दे उड़ जाने दे
आकाश में उड़ जाने दे

जुड़ जाने दे जुड़ जाने दे
मुझको हवा संग जुड़ जाने दे


03/09/2018

लड़कियाँ जन्नत की कोई हूर थोड़ी हैं


छोड़ दे ऐसे नशे मजबूर थोड़ी है 
आ गई दिल्ली, बहुत अब दूर थोड़ी है 

फूँकना मत ये जवानी इस नशे की आग में 
लड़कियाँ जन्नत की कोई हूर थोड़ी हैं 

हर घड़ी बस तुम विवश हो ये कहाँ की बात है 
इस जमाने में यही दस्तूर थोड़ी है 

उसको गर होगी मुहब्बत आएगी वो दौड़कर 
हैं महज़ नखरे , कोई मजबूर थोड़ी है 

हमको भी उसकी अदाएँ देखकर अच्छी लगी 
पर उसी के दायरे में चूर थोड़ी हैं 

तुम कोई जारा नही न वीर कोई मैं रहा 
छोड़ दे तू इस अहद मशहूर थोड़ी हैं 

भग गये वो राह में हमको अकेले छोड़कर 
ये मेरी शुरुआत थी भरपूर थोड़ी है 

01/09/2018

किसे अपना कहूँ कहूँ किसे पराया मैं


किसे अपना कहूँ कहूँ किसे पराया मैं
दूर वो ही रहे जिनको करीब पाया मैं

उन्हें पसन्द है लोगों से खेलना शायद
यही धोखा हुआ अपनों को ही अपनाया मैं

हृदय - दहक उठा है दिल में शोले फूटे हैं
किसी ने आग लगाई या खुद जलाया मैं

उसे मंजूर ही नही थी मुहब्बत मेरी
मैं ही पागल था जो यारों अलख जगाया मैं

मैंने चाहा कि चलो मार दूँ मैं भी ठोकर
गया शराब पी दौलत सभी लुटाया मैं

नशा कहाँ है उस शराब में जो उसमें है
खुद को भूला नही उसको कहाँ भुलाया मैं

रामराज कै रहा तिरस्कृत रावणराज भले है!

देसभक्त कै चोला पहिने विसधर नाग पले है रामराज कै रहा तिरस्कृत रावणराज भले है ।। मोदी - मोदी करें जनमभर कुछू नहीं कै पाइन बाति - बाति...