22/09/2018

पंख नहीं कतरो मुझको उड़ जाने दो

Nandiny Y
पंख नहीं कतरो मुझको उड़ जाने दो
भइया मुझको सपनों से जुड़ जाने दो

जितनी कठिनाई आएँगी सह लूंगी मैं
हवा तेज बहनें दो संग - संग बह लूंगी मैं

रोकों मत मुझको सबसे लड़ जाने दो

सबपे वार करूंगी सबको देखूंगी मैं
उठकर - गिरना गिरकर - उठना सीखूंगी मैं

मुझको ऊँँचे पर्वत पर चढ़ जाने दो

जग को दिया दिखाऊँँ जग रौशन कर जाऊँँ
किसी के सपनों का मैं घर - आँँगन बन जाऊँँ

ऐसे ही इन राहों पे बढ़ जाने दो

पंख नहीं कतरो मुझको उड़ जाने दो
भइया मुझको सपनों से जुड़ जाने दो

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