06/09/2018

नज़र कैसे मिलाऊँ मैं

Give Me Right Path...

मेरे अन्दर छुपा है क्या
तुम्हें कैसे दिखाऊँ मैं

नज़र के सामने हो तुम
नज़र कैसे मिलाऊँ मैं

मेरे अन्दर .......

बहुत ही सुर्ख़ - आरिज़ हैं
सुनो इस वक्त बारिश है
नही जाओ युँ ही बाहर
मेरी कुछ और साजिश है

तुझे देखूँ , तुझे सोंचूँ
तुझे खुद में ही पाऊँ मैं

मेरे अन्दर ......

हया अपनी हटाओ तुम
मुझे साक़ी पिलाओ तुम
ज़रा रुख़्सार को अपने
हमारे पास लाओ तुम

गुलाबी - होंठ से तेरे
ये लब कैसे मिलाऊँ मैं

मेरे अन्दर ......

बहुत ही खूबसूरत है  बनाया
तुमको कुदरत नें
हमारे दिल में इक हलचल
मचा रखी है क़ुर्बत नें

मेरा मन हर घड़ी कहता
तुम्हें दुल्हन बनाऊँ मैं

मेरे अन्दर ......

मेरे अन्दर छुपा है क्या
तुम्हें कैसे दिखाऊँ मैं

नज़र के सामने हो तुम
नज़र कैसे मिलाऊँ मैं 

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