Stop Rape |
छोड़कर तुमको नहीं जाऊँगा मैं उस पार बहना
वहसियों से भर गया है ये भरा संसार बहना
यातनायें जो मिलेंगीं हम सहेंगें साथ में
पर नहीं होंगे अकेले हम जियेंगें साथ में
हों भले दो - चार रोटी उसमें भी सूखी सही
भूख थोड़ी तो मिटेगी एक दिन भूखी सही
भूख में जीना कठिन पर ,छोड़ना दुश्वार बहना
कंपकपांता हूँ ,अकेले भेजकर तुमको सदा
प्रार्थना करता हूँ मैं नित, हों नहीं हम तुम जुदा
क्या कभी डरते नहीं दिखती नहीं मूरत उन्हें
क्या कभी दिखती नहीं मासूम सी सूरत उन्हें
कौन किस पल क्या करेगा किसका क्या आचार बहना
मर मिटूँगा छोड़कर तुम यूँ चली जाओगी तो
जिन्दगी की रौशनी तुम यूँ मिटा जाओगी तो
प्यार से होती लड़ाई पास जब रहता हूँ मैं
ये कलाई सूनी रह जाँएगी सच कहता हूँ मैं
व्यर्थ हो जायेगा ये रक्षा का शुभ त्यौहार बहना
इस धरा रखते कदम ही खा गये वहसी उसे
एक छोटी सी परी थी ले गये रहसि उसे
और फिर क्या - क्या हुआ मैं कह नहीं पाऊँगा सब
खून मेरा खौलता है याद आ जाती है जब
सोंच भी सकता नहीं मैं क्रूर वो व्यापार बहना
शब्द से मैं क्या कहूँगा वो घनी पीड़ा मगर
शून्य हो जाता हूँ मैं आँसू निकलते फूटकर
सोंचता हूँ कौन से स्वातंत्र्य हैं हमको मिले
पूँछता हूँ कौन से संस्कार में हैं हम पले
ये वही भारत जहाँ पलते बहुत संस्कार बहना
छोड़कर तुमको नहीं जाऊँगा मैं उस पार बहना
वहसियों से भर गया है ये भरा संसार बहना
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