सुनौ - सुनौ गोहराय रहे हन
भइया लाइव आय रहे हन ।।देख्यो ज्यादा देर ना करेव
पाँच बजे हम आउब
चार गजल, दुइ गीत
प्रेम की कबिता तीन सुनाउब
पहिले दाँत चियारब, हंसिबै
पूँछब सब किलियर है
आय रही आवाज साफ
या बीचे मा निशिचर है
पप्पू तुम तैयार रहेव
सेयर पै सेयर मारेव
हमरे संघे फेसबुक्क के
पेजवौ का तुम तारेव
भइया बोलिन रहै दियौ
देखौ तुम ना कइ पइहौ
भाषण दीहौ दुइ घंटा के
हमरै बोझ बढ़इहौ
भइया तुम देखौ तौ पहिले
केतना सुन्दर गाय रहे हन ।
सुनौ - सुनौ गोहराय रहे हन
भइया लाइव आय रहे हन ।।
बुआ नमस्ते, फूफा नाना -
नानी का परनाम
पापौ सोच रहे हैं लरिकै
आगे करिहैं नाम
धीरे - धीरे कण्ठ खुला
गुड्डू के लय मा आएँ
लेकिन मन मा सोंच रहे
हैं, ऊ अब तक ना आए
मैडम हाय करिन जइसेन
मुख पै छाई मुस्कान
एतना खुस्स भये हैं गुड्डू
जइसे लंगड़ा आम
यहू सुनाओ, वहू सुनाओ
चार जने जब बोलिन
चट्ट - पट्ट डायरी उठाइन
कविता - संग्रह खोलिन
तुम सब आपन झोरा खोलौ
गीत - गजल हम नाय रहे हन ।
सुनौ - सुनौ गोहराय रहे हन
भइया लाइव आय रहे हन ।।
बड़का भइया बरदहस्त धै
के बोलिन कविराज
मन प्रसन्न होइ गवा हमारौ
फेसबुक्क पै आज
वाह वाह जौ सुनें कबी जी
चार प्रशंसा पाइन
चालिस इंची के छाती मा
छप्पन इंची पाइन
जब से देख रहे इनका
हम आजै स्तब्ध भये हैं
लण्ठनटोला मा पढ़िके
ई एतने सभ्य भये हैं
एतने फालोवर बढ़िगे हैं
एतने व्यूअर देखिन
कुछ तौ राहत मिली कबी
का, अबै कमी है लेकिन
एक टिप्पणी करिन तड़ाका
फिर से कल हम आय रहे हन ।
सुनौ - सुनौ गोहराय रहे हन
भइया लाइव आय रहे हन ।।
Neelendra Shukla
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