09/02/2019

मैं गुज़रा हुआ ज़माना हूँ

Google 

तुम मुझे भुला ना पाओगी 
मैं किस्सा बहुत सुहाना हूँ 

मैं सदा तुम्हें याद आऊँगा 
मैं गुज़रा हुआ ज़माना हूँ  

फिर से आओ संसार - जियें 
फिर से आओ इक साथ चलें 
फिर नदियों में कलकल हो 
फिर से मन में कुछ हलचल हो 
मुझपे थोड़ा विश्वास करो 
फिर से आओ आगाज़ करो 

कल तक जो साथ तुम्हारे था 
देखो तो वही खज़ाना हूँ 

जब तक हम दोनों संग - संग हैं 
तब तक ये चाँद सितारे हैं 
जब तक संगम हम दोनों का 
बस तब तक ही ये प्यारे हैं 
अब पास महज़ कुछ यादें हैं 
जीवन की यही मुरादें हैं 

फुर्सत हो तो, आ जाना तुम 
मैं बन्दा वही पुराना हूँ 


No comments:

रामराज कै रहा तिरस्कृत रावणराज भले है!

देसभक्त कै चोला पहिने विसधर नाग पले है रामराज कै रहा तिरस्कृत रावणराज भले है ।। मोदी - मोदी करें जनमभर कुछू नहीं कै पाइन बाति - बाति...