28/04/2019

मेरे भीतर वो बनने की लियाक़त है तो है

Neel
मेरी आँखों में गर तेरी नज़ाक़त है तो है 
परीशाँ रात - दिन करता शरारत है तो है 

मुझे कब कौन रोका है मुझे कब कौन रोकेगा 
जो तुमसे हो गई है अब मुहब्बत है तो है 

हमारे पास में खुद को बहुत महफूज़ पाती है 
मेरा कर्त्तव्य है उसकी हिफाज़त है तो है 

मुझे कुछ भी नहीं खोना मुझे कुछ भी नहीं पाना 
मगर फिर भी ख़ुदा से ये इबादत है तो है 

मुझे मालूम है यारों मेरी ताक़त का अन्दाज़ा 
मेरे भीतर वो बनने की लियाक़त है तो है 

नहीं यूँ बोलना अक़्सर, बहुत बढ़चढ़ के बोले हो 
बड़े होने से प्यारे ! ये नसीहत है तो है 


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