जिसे जो चाहिए उसको नहीं देता
मुहब्बत, सादगी सबको नहीं देता
तुझे जो कुछ मिला है क़द्र कर उसकी
ख़ुदा ये सब सभी को यूँ नहीं देता
देसभक्त कै चोला पहिने विसधर नाग पले है रामराज कै रहा तिरस्कृत रावणराज भले है ।। मोदी - मोदी करें जनमभर कुछू नहीं कै पाइन बाति - बाति...
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