05/12/2018

Dear Jindagi

With Nandy Sis Neel
जिन्दगी ख़ामोश इक पतवार है 
जिन्दगी में हर घड़ी त्यौहार है 

जिन्दगी की बात पुस्तक में नहीं 
जिन्दगी हर पल नई फ़नकार है 

जिन्दगी सबकी नहीं है एक सी 
जिन्दगी में राह भी दो - चार हैं 

जिन्दगी भर इश्क जो समझे नहीं 
जिन्दगी भर के लिए बीमार हैं 

जिन्दगी को मनमुताबिक रूप दूँ 
जिन्दगी है,ये नहीं बाजार है 

जिन्दगी हरदम दिखाती आइना 
जिन्दगी सबसे बड़ी सरकार है 

जिन्दगी का इक सलीका है सुनो 
जिन्दगी को जिन्दगी से प्यार है 



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