My love My Dear Daughter |
आज के दौर में लोगों को कहाँ फुर्सत है
आज के दौर में, सबकुछ जो बनी दौलत है
आज के दौर में, रख ले जहाँ को कदमों में
आज के दौर को पहचानने की जुर्रत है
आज के दौर में, कुछ भी नही है पहले सा
आज के दौर में चहुँओर बनी दहशत है
आज के दौर में भक्ति हुई है दंगाई
आज के दौर में जो कटघरे में कुदरत है
आज के दौर में, सबकुछ सड़ा - गला मिलता
आज के दौर में, आखिर वो कहाँ लज्जत है
आज के दौर में भी यूज़ नेट नही करते
आज के दौर में, ईश्वर की बड़ी रहमत है
आज के दौर में भी प्रेमिका नहीं इक भी
आज के दौर में सबकुछ बनी मुहब्बत है
No comments:
Post a Comment