Neel With Grand Pa |
इस घर से उस घर की बातें बेहतर हैं
इसकी उसकी सबकी बातें बेहतर है
इससे - उससे कह के न पछताना तुम
दिल की बातें दिल तक हों तो बेहतर है
काल चक्र की सुइयाँ जैसे बढ़ती हैं
वैसे ही तुम भी बढ़ते तो बेहतर है
लोगों में परिवर्तन लाकर क्या होगा
जीने दो, जो जैसा है वो बेहतर है
उसके अन्दर सही - गलत क्या देखे है
खुद के अन्दर झाँक वही अब बेहतर है
खोज - बीन के बाद जहाँ से जो पाया
वही मुहब्बत मेरे खातिर बेहतर है
एसी, कूलर, महल , भवन सब फीके हैं
माँ का गन्दा आँचल मुझको बेहतर है
बाबा के चेहरे पर शिकन नहीं अब तक
बाबा अब भी हम लोगों से बेहतर हैं
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