02/02/2019

कविता, नज़्मों, गज़लों सी बन जाती है



वो हँसती है मेरा दिल बहलाती है 
दिल की सारी बातें मुझे बताती है 

उससे बातें कर के मेरा दिन गुज़रे 
उसके फोटो संग रातें कट जाती हैं 

ज़िक्र हमारा करती बातों - बातों में 
बातों - बातों में परिचय दे जाती है 

Fb, Whats app, Insta ,Twitter सब पे है 
सबसे मुझको इश्क बहुत समझाती  है 

दिल की बातें वो भी कहना चाहे पर 
ना जाने क्यों कहने में शर्माती है 

दिन, तारीख़ महीना सबकुछ याद उसे 
इक मुद्दत से मुझको पढ़ती जाती है

छोटी - छोटी बातों पर लड़ती रहती
वो मेरी जीवन - साथी बन जाती है 

जब भी उसको लिखने बैठा सिद्दत से 
कविता, नज़्मों, गज़लों सी बन जाती है 


No comments:

रामराज कै रहा तिरस्कृत रावणराज भले है!

देसभक्त कै चोला पहिने विसधर नाग पले है रामराज कै रहा तिरस्कृत रावणराज भले है ।। मोदी - मोदी करें जनमभर कुछू नहीं कै पाइन बाति - बाति...