02/02/2019

तुम्हें नसीब सोचता हूँ मैं




बहुत अजीब सोचता हूँ मैं 
उसे रक़ीब सोचता हूँ मैं

आज इज़हार करूँगा तुमको 
रोज़ तरक़ीब सोचता हूँ मैं 

बाँह में तुम बिखर गई मेरे 
तुम्हें हबीब सोचता हूँ मैं

एक तुम हो, हसीन जीवन है 
मुझे, अमीर सोचता हूँ मैं 

सीखता हूँ मैं बारहाँ तुमसे 
तुम्हें अदीब सोचता हूँ मैं

आज सबकुछ मेरे तुम्हीं तुम हो
तुम्हें नसीब सोचता हूँ मैं 








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