हर हर महादेव! |
ये सब भ्रम है सब माया है
जग में जो खोया पाया है
कुछ यहाँ नही अपना प्यारे
यूँ देख नही सपना प्यारे
जो भी कुछ है सब नस्वर है
क्या गाड़ी, क्या ऊँचा घर है
जीवन के पन्ने पलट जरा
आँखों से मिट्टी धूल हटा
हों सारे रिस्तेदार सही
तुम रख लो पहरेदार सही
यदि मौत तुम्हें आनी है तो
देता न साथ फिर साया है
ये सब भ्रम है सब माया है
जग में जो खोया पाया है ।2
क्या भाई बन्धु यार यहाँ
क्या बन्धन का संसार यहाँ
सब मायाजाल मोह भ्रम है
इनमें कर रहा व्यर्थ श्रम है
ये कोई तेरे साथ नही
लगने वाला कुछ हाथ नही
मुँह मोड़ नही सच्चाई से
मत दौड़ युँ ही अच्छाई से
तुम मानो मुझे नही मानो
वो गया है ,जो भी आया है
ये सब भ्रम है सब माया है
जग में जो खोया - पाया है । 2
ईश्वर अनादि अविनाशी है
सुन मोक्षद्वार इक काशी है
बस उनमें ध्यान लगाओ तुम
बम - बम हर - हर को पाओ तुम
कर आत्ममुक्ति न देहमुक्ति
ब्रह्मन् को सोच लगा ले युक्ति
सबकुछ अनित्य अभिमानी है
जिसे आत्मज्ञान वो ज्ञानी है
ये सोच सदा पाले रखना
अपना न कोई पराया है । 2
ये सब भ्रम है सब माया है
जग में जो खोया पाया है ।
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