The Habitat |
बस थोड़ा सा खुले हुये हो तुम यारा
कहाँ सभी संग अभी घुले हो तुम यारा
बात मुकम्मल है तेरी, मैं दोषी हूँ
कहाँ दूध के धुले हुये हो तुम यारा
तुम्हीं कहो विश्वास भला कैसे कर लूँ
दुश्मन से भी मिले हुये हो तुम यारा
अभी उम्र जो ढ़ली लगे सिखलाने तुम
यौवन में क्या नहीं किये हो तुम यारा
जो भी देना है दे दो, या जाने दो
मुझको मेरे देश भगाओ तुम यारा
सबकुछ रहने पर भी सदा परीशाँ हो
मुझको जीना नहीं सिखाओ तुम यारा
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