कोई भी आये मग़र इस क़दर न आएगा
आप जलवों की नुमाइश में खड़े मत होना
आपका रूप ही लोगों पे कहर ढायेगा
प्यार की चाह वहाँ है, जहाँ नहीं नफ़रत
निशाँ ए प्यार का होठों पे असर आएगा
आज फिर से ये चमकदार जहाँ देखूँगा
आज बोला है वो, मेरे ही शहर आएगा
चाह सारी बताओ आज मुहब्बत से तुम
जहाँ कहोगी वहाँ जन्मदिन मनाएगा
आज ये मुल्क़ तमाशा भी मुझे बोले तो
आज दिल खोल के ये नील गुनगुनाएगा
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