26/06/2019

कंकर शंकर कर गुज़रा हूं



बाहर भीतर से गुज़रा हूं 
मैं तेरे घर से गुज़रा हूं

तू गुजरी है मुझमें होकर
मैं तुझमें होकर गुजरा हूं 

मेरी बातें जुबां तुम्हारी 
डीदा ए तर से गुज़रा हूं 

आयात और ऋचाएं गूंजी
कंकर शंकर कर गुज़रा हूं

देख रहे हो जमीं जमीं पर
मैं अम्बर अम्बर गुजरा हूं 

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